जयपुर: Govt Will fire 1 Lakh Employees? राजस्थान में निजी विश्वविद्यालयों से फर्जी डिग्रियां जारी होने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पिछले पांच साल में नियुक्ति पाने वाले करीब एक लाख शिक्षकों के दस्तावेजों की फिर से जांच कराने का निर्णय किया है। सरकार ने तय किया है कि शिक्षकों की डिग्रियों की सत्यता जांचने के लिए सरकारी अधिकारियों की टीम विश्वविद्यालयों में जाकर भी रिकॉर्ड देखेगी।
Govt Will fire 1 Lakh Employees? हस्ताक्षरों की भी जांच होगी
Govt Will fire 1 Lakh Employees? माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 से अब तक नियुक्त हुए शिक्षकों के फार्म प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के स्तर पर निकलवाए जा रहे हैं। चयनित शिक्षकों द्वारा परीक्षा केंद्रों पर किए गए हस्ताक्षरों की भी जांच होगी। यह जांच तृतीय श्रेणी से उच्च माध्यमिक स्तर तक के शिक्षकों की होगी।
परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी आई सामने
Govt Will fire 1 Lakh Employees? उल्लेखनीय है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद पिछले आठ महीने में की गई जांच में यह सामने आया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। कहीं पेपर लीक हुए थे तो कहीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्तियां हुईं। सबसे अधिक फर्जीवाड़ा तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती में हुआ। पिछले दिनों राजस्थान एसओजी ने फर्जी डिग्रियां देने वाले दो निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों को गिरफ्तार किया था। दोनों ने बड़े पैमाने पर पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां देने की बात स्वीकार भी की है।
राजस्थान में पेपर लीक मामले में अब ईडी भी करेगी जांच
Govt Will fire 1 Lakh Employees? राजस्थान में शिक्षक भर्ती के पेपर लीक मामले के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहायक पुलिस उप निरीक्षक पेपर लीक मामले की भी जांच शुरू कर दी है। दोनों परीक्षाएं वर्ष 2021 में हुई थीं और इनके पेपर लीक हुए थे। राजस्थान एसओजी प्रदेश में सभी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों की जांच कर रही है। अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने पेपर लीक कर करोड़ों की संपति बनाई।
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15 से 25 लाख तक लिए
Govt Will fire 1 Lakh Employees? ईडी अब आरोपितों की संपत्ति की जांच कर रही है। एसओजी की जांच में सामने आया है कि सहायक पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने और डमी कैंडिडेट बिठाने के लिए आरोपितों ने 15 से 25 लाख रुपये तक लिए। एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह का कहना है कि गैंग के सदस्यों ने पेपर लीक से करोड़ों रुपये कमाए। एक आरोपित ने तो दो करोड़ रुपये खर्च कर अपनी मां को सरपंच बनाया था।