Green Tea : सुबह में खाली पेट ग्रीन टी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक है, जानिए पीने का सही समय और तरीका?

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ज्यादातर लोग वजन घटाने के लिए ग्रीन टी (Green Tea) का सेवन करते हैं. इस चाय को सबसे कम प्रोसेस्ड करके बनाया जाता है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है जो आपको स्वस्थ को रखता है और बीमारियों से बचाने में मदद करता है. कुछ लोग पूरे दिन में एक कप पीते हैं. वहीं, कुछ लोग एक दिन में 5 से ज्यादा कप चाय पी लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कितनी मात्रा में ग्रीन टी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. इन सबसे पहले जानते हैं कि ग्रीन टी कैसे बनता है.

जानिए ग्रीन टी कैसे बनाते हैं

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन लिटेरेचर रिव्यू के अनुसार, ग्रीन टी की पत्तियों को फर्मेंट होने से बचाने के लिए तोड़ने के तुरंत बाद स्टीम किया जाता है, जिससे एक सूखा और स्थिर उत्पाद मिले. स्टीम करने से रंग बदलने वाले एंजाइम नष्ट हो जाते है, जिसकी वजह से रोलिंग और सूखाने की प्रक्रिया तक ग्रीन टी अपना रंग बनाएं रखता है.

कितनी मात्रा में ग्रीन टी पीना चाहिए

ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट, पॉलीफिनोल और कैफिन होता है. एक दिन में 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी पीना से रात को सोते समय परेशानी हो सकती है. ये डायूरेटिक (Diuretic) नेचर का होता है जिसकी वजह से शरीर के आवश्यक पोषक तत्व बाहर निकल जाते है. खाली पेट ग्रीन टी पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है. इसे पीने का सही समय दिन का होता है और या फिर शाम के समय में पी सकते हैं. आप इसे खाना खाने से 2 घंटे पहले या बाद में पी सकते हैं.

खाना खाने के बीच में ग्रीन टी पीने से पोषक तत्वों का सेवन कम हो जाता है और आपके भोजन से आयरन और मिनरल्स के एब्जॉर्ब्सन को बाधित कर देता है. एक दिन में एक से दो कप ग्रीन टी पीना चाहिए. जिन लोगों को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) की समस्या है उन्हें ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए.

ग्रीन टी पीने के फायदे

1. ग्रीन टी पीने से फेफड़ों, कोलन, मुंह, पेट, आंत, किडनी, पैंक्रियाज और मेमरी ग्लैंड के कैंसर समेत अन्य बीमारियों को रोकने में मदद करता है. ये आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और वजन घटाने में मदद करता है.

2. इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, मिनरल्स, विटामिन्स की भरपूर मात्रा है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं जो हृदय से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मदद करता है.

3. ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है. ये सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है जो त्वचा को बेहतर बनाने में मदद करता है और मेटाबॉलिक बीमारियां जैसे स्ट्रोक और डायरिया को कम करता है.

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