जबलपुर : suspension order of doctor मध्य प्रदेश में इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से ही अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर रहे हैं लेकिन उनकी ही सरकार के एक अधिकारी ने मुख्यमंत्री के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद रोक लगा दी है. मामला छिंदवाड़ा जिले से जुड़ा है. रोचक बात ये है कि छिंदवाड़ा जिले में सीएमएचओ के पद पर पदस्थ डॉक्टर जीसी चौरसिया को मुख्यमंत्री ने एक बार नहीं बल्कि दो बार मंच से सस्पेंड किया लेकिन दोनों बार जीसी चौरसिया ने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया.
suspension order of doctor पहली बार 22 सितंबर को एक जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायत मिली थी कि जिले में आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं. इससे नाराज होकर सीएम ने 22 सितंबर को सीएमएचओ जीसी चौरसिया को सस्पेंड कर दिया. डॉक्टर चौरसिया ने सीएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी लेकिन इसके बाद 9 दिसंबर को फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में आयोजित जन सेवा अभियान के दौरान मंच से सीएमएचओ को सस्पेंड कर दिया लेकिन सीएमएचओ ने मुख्यमंत्री के आदेश को फिर से हाईकोर्ट में चुनौती दी.
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suspension order of doctor सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि विभाग ने उनके निलंबन पर किसी भी तरह का ठोस तर्क नहीं दिया है. मुख्यमंत्री द्वारा भी निलंबन करने की यह प्रक्रिया उचित नहीं है. उन्हें बेवजह निलंबित किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान उठाए गए तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने न केवल मुख्यमंत्री के आदेश को निरस्त कर दिया बल्कि जिस डॉक्टर को सीएमएचओ बनाया गया था उस आदेश को भी रद्द कर दिया है और फिर से डॉक्टर जीसी चौरसिया को सीएमएचओ बनाने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.