कोच्चिः- first indegenous aircraft carrier: देश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। देश को आज अपना पहला स्वदेशी INS विक्रांत (first indegenous aircraft carrier as INS Vikrant) मिल जाएगा। प्रधानमंत्री कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में इसे नौसेना को सौंपेंगे। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक सशक्त उदाहरण है। प्रधानमंत्री विशेष रूप से रणनीतिक क्षेत्रों (strategic sectors) में आत्मानिर्भर भारत के प्रबल समर्थक रहे हैं। डिफेंस सेक्टर में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में यही शिप एक महत्वपूर्ण कदम है। आईएनएस विक्रांत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित देश का पहला विमानवाहक पोत है। इसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिज़ाइन किया गया है, जबकि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। भारत के समुद्री इतिहास में ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर पहले कभी नहीं बनाया गया है। बता दें कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) दो दिन के कर्नाटक और केरल के दौरे पर हैं। वे 1 सितंबर को यहां पहुंचे थे।
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जानिए क्या है इसकी खासियत
first indegenous aircraft carrier: एयरक्राफ्ट करियर यानी समुद्र में तैरता एयरफोर्स स्टेशन। यानी इस शिप से फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन्स उड़कर दुश्मन को जमींदोज कर सकते हैं। ये धरती और आसमान पर दुश्मनों को टार्गेट कर सकते हैं। INS Vikrant को दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली विमानवाहक युद्धपोतों में गिना जाता है। इसका नामकरण भारत के शानदार पूर्ववर्ती विमान वाहक के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसमें बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी हैं, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई ने अपना योगदान दिया है। विक्रांत के चालू होने के साथ भारत के पास दो ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे। 25 अगस्त को भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा था कि आईएनएस विक्रांत के शामिल होने से हिंद महासागर समेत पूरे इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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स्पेशल स्टील से बना है आईएनएस विक्रांत
first indegenous aircraft carrier: देश की सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न स्टील उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने देश के पहले स्वदेशी रूप से निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए सारी डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है। कंपनी ने इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने के साथ “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण की दिशा में भागीदारी निभाते हुए, भारतीय नौसेना के इस पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के निर्माण के लिए करीब 30000 टन डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है। भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत चालू होना भारत की आजादी के 75 साल के अमृतकाल के दौरान देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और यह देश के आत्मविश्वास और कौशल का प्रतीक भी है। यह स्वदेशी विमानवाहक पोत देश के तकनीकी कौशल एवं इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है।