INS ने सोनिया गांधी के सलाह की निंदा की

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नई दिल्ली
इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस सुझाव की निंदा की है, जिसमें उन्होंने सरकार से मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों को 2 साल तक के लिए रोकने को कहा था। आईएनएस के अध्यक्ष शैलेष गुप्ता ने इस प्रस्ताव को फाइनैंशल सेंसरशिप जैसा बताया है।

आईएनएस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मीडिया पर विज्ञापनों पर आने वाला खर्च सरकार के लिए छोटी रकम हो सकती है लेकिन न्यूजपेपर इंडस्ट्री के लिए यह रकम बहुत बड़ी है। किसी भी गतिशील लोकतंत्र के लिए न्यूजपेपर बहुत ही जरूरी होते हैं और आज यह इंडस्ट्री वजूद के लिए संघर्ष कर रही है।

बयान में कहा गया है कि रिसेशन और डिजिटल मीडिया की वजह से पहले से ही अखबारों के विज्ञापनों में कमी आई है और संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्री गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है।

आईएनएस से सोनिया गांधी से अपील की है कि वह ‘गतिशील और स्वतंत्र प्रेस’ के हितों के लिए मीडिया के विज्ञापनों पर 2 साल के लिए कंपलीट बैन लगाने संबंधी पीएम मोदी को दिए सुझाव को वापस लें।

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