इस हालत में मिले महिला सिपाही, माँ और उसकी बेटी, देखकर पुलिस भी बंद कर ली अपनी आंखें, जाने मामला

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नई दिल्ली: jamshedour tripal muder: जमशेदपुर के गोलमुरी पुलिस लाइन में महिला सिपाही, उसकी मां और बेटी की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। तीनों की लाश गुरुवार देर रात पुलिस लाइन स्थित पुलिसकर्मियों को सरकारी क्वार्टर जे-5 (ब्लॉक-2) से बरामद हुआ है। मृतकों में महिला सिपाही सविता हेंब्रम (30) उसकी मां लखिया मुर्मू (70) और सविता की बेटी गीता हेंब्रम शामिल हैं। वारदात के बाद हत्यारे तीनों लाशों को फ्लैट में बंद कर दिया और बाहर से ताला बंद कर फरार हो गए। फ्लैट से दुर्गंध आने पर पड़ोसी पुलिसकर्मी और उनके परिजनों ने गुरुवार रात को मेजर धर्मेंद्र कुमार को सूचना दी। मेजर ने तुरंत इसकी जानकारी एसएसपी प्रभात कुमार को दी। गोलमुरी थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

एसएसपी की मौजूदगी में फ्लैट का ताला तोड़ गया तो भीतर तीनों की क्षत-विक्षत लाश पड़ी थी। पुलिस लाइन में एक साथ तिहरे हत्याकांड से दहशत फैल गई है। वारदात के बाद तत्काल पुलिस ने उस कमरे को सील कर दिया है, जहां पर लाशें पड़ी हुई थी। किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। लेकिन अंदर की जो स्थिति थी, उससे स्पष्ट है कि हत्या करने वाले मेहमान बन कर महिला सिपाही के फ्लैट में आए थे और उन्होंने मंगलवार की रात में ही सविता और उसके परिवार वालों को मौत के घाट उतारा है।

मंगलवार दिन में महिला सिपाही व उसके परिजनों को आस-पड़ोस के लोगों ने देखा था और वह उस दिन फर्स्ट हाफ में ड्यूटी पर भी गई थी। घटनास्थल को देखने से स्पष्ट पता चलता है कि हत्या करने वालों में 2 से अधिक लोग थे, जो वारदात के बाद घर से बाहर निकले और ताला बंद करते हुए फरार हो गए। सविता का उसके ससुराल वालों से विवाद चल रहा था। पति कैलाश की मौत के बाद संविदा की नौकरी के लिए जब उसका नाम प्रस्तावित किया तो इसका विरोध उसकी सास ने किया था।

जब पति की मौत हुई तब सविता 5 माह की गर्भवती थी। उसके बाद जब उसे प्रसव के समय अस्पताल में भर्ती किया गया, तब ससुराल से कोई भी उसे देखने के लिए नहीं आया। इसकी जानकारी देते हुए सविता की बहन रानू मार्डी बताती हैं कि जब उसकी बहन की नौकरी लगने वाली थी तो सविता की सास में एसएसपी कार्यालय में लिख कर दिया था कि सविता की बजाय उसके दूसरे बेटे (सविता के देवर) को नौकरी दी जाए। बाद में सविता की सास की मृत्यु हो गई। उसके बाद सविता के देवर ने नौकरी के लिए जोर देना शुरू कर दिया था। लेकिन तब तक सविता को नौकरी मिल चुकी थी और वह एसएसपी कार्यालय में ड्यूटी करने लगी थी।

इसे लेकर देवर और जेठ दोनों ही सविता से नाराज चल रहे थे। सविता के पति कैलाश तीन भाई थे, जिसमें कैलाश मंझला था। कैलाश की मौत के बाद अक्सर इनके बीच विवाद होता था। सविता का ससुराल डुमरिया के कुंदरू साईं में है। जबकि उसका मायका सरायकेला खरसावां जल राजनगर में है। सविता की बहन बागबेड़ा के सोमायझोपड़ी में रहती है। बहन रानू का कहना है कि सविता हेंब्रम की सहेलियों द्वारा बार-बार फोन कर उसके बारे में पता किया जा रहा था कि वह दो दिन से कहां गई है।

क्योंकि घर के बाहर ताला लगा हुआ था और उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी। एसएसपी कार्यालय में भी जाकर पता किया तो उसने छुट्टी भी नहीं ली थी। लिहाजा इन सब बातों को लेकर सभी असमंजस में थे। सहेलियां बार-बार सविता की बहन को फोन कर रही थी। लगातार आते फोन के बाद बहन रानू गुरुवार रात को पहले पुलिस लाइन पहुंची और दरवाजे के पास गई तो अंदर से बदबू आ रही थी। तब तक एसएसपी भी आ गए तो यह स्पष्ट हो गया कि अंदर लाश पड़ी है। उसके बाद एसएसपी की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो भीतर महिला सिपाही, उसकी मां और बेटी की लाश पड़ी हुई थी। फ्लैट के भीतर का नजारा देख पुलिसवाले सकते में पड़ गए। महिला सिपाही सविता की खून से लथपत लाश पलंग पर पड़ी थी। वह नाइटी में थी। ठीक उसके सामने की दीवार पर खून के छींटे बिखरे हुए थे।

जमीन पर सविता की मां लखिया का शव पड़ा था, जबकि पास ही में बेटी गीता की लाश भी पड़ी थी। तीनों की किसी धारदार हथियार हत्या की गई थी। इधर तत्काल ही फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है, जबकि डॉग स्क्वायड की मदद से पुलिस सुराग तलाशने में जुट गई है। सविता हेंब्रम की अनुकंपा के आधार पर नौकरी हुई थी। उसके पति का नाम कैलाश हेंब्रम था, जिसकी मौत जादूगोड़ा में नक्सलियों के हमले में हो गई थी। इसके बाद उसकी पत्नी को पुलिस की नौकरी मिली थी और पिछले 2 वर्ष से वह सेवा पुलिस लाइन स्थित फ्लैट में अपनी मां और बेटी के साथ रह रही थी।

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