देहरादून: latest order for contractual employees 2024 बजट 2024 से पहले पूरे देश में एक बार फिर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग तेज हो गई है। कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वहीं कर्मचारियों को बजट 2024 को लेकर उम्मीद है कि सरकार उन्हें इस बार सौगात दे सकती है। कर्मचारियों के उम्मीद के बीच संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।
कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश
latest order for contractual employees 2024 दरअसल बीते दिनों हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों के हक में फैसला देते हुए 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया था। इसके बाद से कर्मचारी संगठनों की मांग तेज हो गई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा है कि सरकारी विभागों में पूरी जिम्मेदारी यही संविदा कर्मचारी संभाले हुए हैं। ये सभी संविदा कर्मचारी बेहद अल्प वेतन में काम कर रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों को नियमित किए जाने तक समान काम का समान वेतन उपलब्ध कराया जाए।
latest order for contractual employees 2024 कर्मचारियों के प्रति सरकार का रुख नरम
latest order for contractual employees 2024 वहीं, खबर से भी आ रही है कि बीते दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, जिसमें विभिन्न विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रस्ताव रखा गया था। बताया गया कि बैठक के दौरान धामी सरकार के कई मंत्रियों ने मंशा जाहीर की विभिन्न विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों में जितने भी कर्मचारी आज की तिथि तक 10 सेवा साल पूरे कर चुके हैं, उन्हें 2013 की नियमितीकरण की नीति के तहत पक्का कर दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। अलबत्ता मुख्यमंत्री ने कार्मिक एवं न्याय विभाग को इस प्रस्ताव पर न्यायिक व विधिक परामर्श लेने के निर्देश दिए। कर्मचारियों के प्रति सरकार का रुख काफी नरम माना जा रहा है।
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हाईकोर्ट ने नियमित करने के आदेश दिए थे
latest order for contractual employees 2024 गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने एक याचिका पर 2013 की नीति पर लगी रोक हटाकर वर्ष 2018 से पूर्व 10 साल की सेवा पूरी करने वाले दैनिक वेतन भोगी, तदर्थ व संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश दिए थे। कार्मिक विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा।