हत्यारे आशिक को आजीवन कारावास : महिला ने सेक्स करने से किया था मना, गुस्से में बेटे और ससुर की ले ली थी जान

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Life Imprisonment To Accused डेढ़ वर्ष पूर्व सरगुजा जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र में एकतरफा प्रेम में विधवा महिला, उसके बेटे और ससुर की चाकू मारकर नृशंस हत्या के आरोपी युवक को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी घटना दिवस की रात विधवा महिला से मिलने उसके घर पहुंच गया था। महिला ने सेक्स करने से मना कर दिया और नाराजगी जताई तो उसने चाकू से वार कर महिला के साथ ही उसके 10 वर्षीय बेटे और ससुर की चाकू से कई बार वार कर हत्या कर दी थी।

Life Imprisonment To Accused मिली जानकारी के अनुसार उदयपुर के लैंगा गांव में 8 सितंबर की आधी रात मेघुराम सिरदार 50 वर्ष, उसकी बहू कलावती सिरदार 27 वर्ष अपने 10 वर्षीय बेटे चंद्रिका की नृशंस हत्या कर दी गई थी। महिला का शव घर के बाहर खाट में, उसके पुत्र का शव सड़क में एवं मेघुराम का शव घर के दरवाजे में मिला था। इस हत्याकांड से सरगुजा जिले में सनसनी फैल गई थी। मामले की जांच में पता चला कि कलावती सिरदार अपने पति की करीब तीन वर्ष पूर्व मौत हो जाने के बाद अपने बेटे के साथ ससुर के घर रहने लगी थी। नृशंस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने तत्कालीन एसपी अमित तुकाराम कांबले ने पुलिस टीम का गठन किया और मामले के तह तक पहुंची।

Life Imprisonment To Accused

Life Imprisonment To Accused पुलिस टीम को सूचना मिली कि लैंगा गांव का ही अरविंद सिरदार उर्फ बिटना पिता बसंत राम पूर्व में मृतका कलावती से कई बार मिलने की कोशिश कर चुका था। संदेह होने पर पुलिस ने अरविंद सिरदार से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने तीनों की हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी के कब्जे से मृतका का मोबाइल बरामद किया गया था। पुलिस ने उसे धारा 302, 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया

मिलने पहुंचा था आरोपी, कर दी तीनों की हत्या

Life Imprisonment To Accused पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी अरविंद सिरदार विधवा कलावती से एकतरफा प्रेम करता था। वह उससे प्रेम संबंध स्थापित करना चाहता था, लेकिन महिला ने इससे कई बार इंकार कर दिया था। 8 सितंबर की रात 12 बजे वह कलावती से मिलने उसके घर पहुंचा था। कलावती ने प्रेम संबंध स्थापित करने से मना कर दिया और उसे फटकार लगाई तो आक्रोश में उसने खाट पर बैठी कलावती पर वार किया। कलावती के हट जाने से चाकू उसके बेटे चंद्रिका को लग गया। चंद्रिका उठकर भागा और सड़क पर बेहोश होकर गिर गया। यह देखकर कलावती चीखने लगी तो आरोपी अरविंद ने कलावती के पेट एवं गले में चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। शोर सुनकर घर में सो रहा मेघुराम बाहर आया तो आरोपी ने उसपर चाकू से कई वार उसकी हत्या कर दी। आरोपी ने इसके बाद सड़क पर गिरे चंद्रिका पर भी चाकू से कई वार कर उसकी हत्या कर दी।

परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर आजीवन कारावास

Life Imprisonment To Accused मामले की पुलिस जांच एवं ट्रायल के दौरान कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं मिला। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल ने परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं अन्य धाराओं के तहत अलग से सजा सुनाई है।

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