तिरुवनंतपुरम: lockdown in kerala कोरोना संक्रमण के दौरान लगाए गए लॉकडाउन को याद करके आज भी दिल की धड़कनें बढ़ जाती है और हम ये दुआ करने लगते हैं कि ऐसा दौर फिर न आए। वैसे कोरोना काल में लोगों को कुछ सीख तो दी है, बावजूद इसके लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं। कोरोना काल के बाद भी हम सतर्क नहीं हुए इसी का नतीजा है कि फिर से लॉकडाउन का दौर लटने वाला है। जी हां केरल में ऐसे कुछ हालात बन रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि केरल में क्यों लौट रहा पाबंदी का दौर?
lockdown in kerala दरअसल केरल में इन दिनों निपाह वायरस कहर बरपा रहा है। अब तक पूर प्रदेश में 5 नए केस की पुष्टि हो चुकी है और दो मरीजों की मौत हो गई है। ताजा मामले में 24 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता निपाह रोगी के निकट संपर्क में आया था, वह निपाह संक्रमित पाया गया है। राज्य सरकार ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई क्षेत्रों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू की हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है, जो सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। ऐसा पता लगा है कि 700 लोग मरीजों के संपर्क में आए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इन 700 में से लगभग 77 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं।
लॉकडाउन जैसे बने हालात
उच्च जोखिम वाले निपाह रोगियों को अपने घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है। निपाह के जिन दो मरीजों की मौत हुई है, उनके रूट प्रकाशित कर दिए गए हैं, ताकि लोग उन रास्तों का इस्तेमाल न करें। कोझिकोड में त्योहारों और समारोहों में बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोझिकोड जिले के वडकारा तालुक में नौ पंचायतों के 58 वार्डों को नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं और केवल प्रवेश और निकास की अनुमति है। आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक काम करने की अनुमति होगी। फार्मेसियों और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है। निर्देशों के मुताबिक, कन्टेनमेंट जोन के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाली बसें या वाहन प्रभावित क्षेत्रों में नहीं रुकने चाहिए।
मरीजों की हालत नाजुक
कोझिकोड में नौ साल का एक बच्चा संक्रमण से पीड़ित है और सरकार ने बच्चे के इलाज के लिए आईसीएमआर से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर दिया है। इसका कोई नैदानिक प्रमाण नहीं है कि यह निपाह के खिलाफ काम करता है लेकिन यह एकमात्र उपलब्ध उपचार है। लड़का वेंटिलेटर सपोर्ट पर है।
700 लोगों को रखा गया निगरानी में
लगभग 700 लोग मरीजों के संपर्क में आए और उनमें से 76 उच्च जोखिम वाले हैं। मंत्री ने कहा कि वे सभी स्थिर हैं। निपाह का सबसे ज्यादा प्रकोप कोझिकोड में हुआ है। मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर अध्ययनों के अनुसार पूरे केरल में इस तरह के संक्रमण होने का खतरा है। गौरतलब है कि केरल ने पहले निपाह के प्रकोप की सूचना 2018 में एक बार और 2019 और 2021 में दी थी। 2018 में, 18 रोगियों में से 17 की मृत्यु हो गई थी।