नई दिल्ली: lockdown in india 2023 चीन में कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है। इसकी वजह से भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है और पिछले कुछ दिनों में कई अहम फैसले लिए हैं। हालांकि, अभी देश में कोरोना के ज्यादा मामले सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोविड-19 के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने या लॉकडाउन लागू करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कुछ देशों में मामले बढ़ने के मद्देनजर निगरानी और सतर्कता मजबूत करना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के गंभीर मामले आने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका नहीं है, क्योंकि भारत में लोगों में ‘हाइब्रिड प्रतिरक्षा’ विकसित हो चुकी है।
lockdown in india 2023 भारत में लगेगा लॉकडाउन?
lockdown in india 2023 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को कहा, ”कुल मिलाकर कोविड के मामलों में वृद्धि नहीं हुई है और भारत अभी ठीक स्थिति में है। मौजूदा परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने या लॉकडाउन लागू करने की कोई आवश्यकता है।” डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पहले के अनुभव दिखाते हैं कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उड़ानों पर पाबंदी लगाना प्रभावी नहीं है।”
क्या है देश में कोरोना की मौजूद स्थिति?
lockdown in india 2023 उन्होंने कहा, ”आंकड़े दिखाते हैं कि चीन में संक्रमण के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार ओमीक्रोन का बीएफ.7 उपस्वरूप हमारे देश में पहले ही पाया जा चुका है।” यह पूछने पर कि क्या आगामी दिनों में लॉकडाउन की आवश्यकता है, डॉ. गुलेरिया ने कहा, ”कोविड के गंभीर मामले बढ़ने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना नहीं है, क्योंकि टीकाकरण की अच्छी दर और प्राकृतिक रूप से संक्रमण होने के कारण भारतीयों में हाइब्रिड प्रतिरक्षा (हाइब्रिड इम्युनिटी) पहले ही विकसित हो चुकी है।” उन्होंने कहा, ”मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और लोगों के बीच हाइब्रिड प्रतिरक्षा की अच्छी-खासी दर होने के कारण लॉकडाउन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।”
जानिए दूसरे एक्सपर्ट्स की राय
lockdown in india 2023 सफदरजंग हॉस्पिटल में फेफड़े और गहन देखभाल विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा कि भारत को चीन तथा कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, लेकिन ”भारत के मौजूद परिदृश्य को देखते हुए निकट भविष्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति की परिकल्पना नहीं की गई है।” उन्होंने कहा कि ‘हाइब्रिड प्रतिरक्षा’ किसी व्यक्ति को भविष्य में होने वाले संक्रमण के खिलाफ अधिक सुरक्षित बनाती है। डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि चीन अभी अधिक कमजोर स्थिति में है, जिसकी वजह कम प्राकृतिक प्रतिरक्षा, खराब टीकाकरण रणनीति हो सकती है, जिसमें बूढ़े और कमजोर आबादी के मुकाबले युवा और स्वस्थ लोगों को तरजीह दी गई। साथ ही चीनी टीकों को संक्रमण से बचाव में कम प्रभावी भी पाया गया है।
‘घबराने की कोई बात नहीं’
lockdown in india 2023 टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि भारत में कोविड की मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई बात नहीं है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना चाहिए और टीके की एहतियाती खुराक लेनी चाहिए। जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, फ्रांस और चीन में मामले बढ़ने के बीच भारत ने निगरानी और कोविड संक्रमित नमूनों के जीनोम अनुक्रमण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। भारत की 97 प्रतिशत पात्र आबादी ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक, जबकि 90 प्रतिशत ने दूसरी खुराक ले ली है। केवल 27 प्रतिशत आबादी ने एहतियाती खुराक हासिल की है।
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