वाराणसी। Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि व्रत-पर्व को लेकर पूरी काशी बाबा विश्वनाथ के रंग में रंगकर बम-बम हो चली है। पर्व का उल्लास हर ओर छलक रहा है। भक्तगण तैयारियों में लगे हैं, स्नान-ध्यान, पूजा-अर्चना से लेकर भोग-आरती, भंग की तरंग व विविध धार्मिक-सांस्कृतिक अनुष्ठानों संग लोकाचारों व परंपराओं की छटा काशी में बिखरेगी।
हो भी क्यों न, शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में मां गौरा संग बाबा विश्वनाथ शिव सात फेरे लेंगे, विधिवत विवाह रचाएंगे। सारे काशीवासी कभी बराती तो कभी मां गौरा के स्वजन घराती रूप में नजर आएंगे। जगह-जगह से शिव बरात निकलेंगी। गो-दुग्ध व गंगाजल से बाबा का अभिषेक होगा।
Mahashivratri 2024: लोग भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि बाबा को अर्पित कर कल्याण की कामना करेंगे। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी, शुक्रवार को मैदागिन से बाबा विश्वनाथ की भव्य-दिव्य एवं अनोखी बरात निकलेगी। जिसमें देवी-देवता, साधु-संत, यक्ष, गंधर्व, किन्नर, भूत-पिशाच, सर्प, बिच्छू आदि सभी शामिल होंगे। विविध झांकियों से बरात सजेगी।
डेढ़सी पुल पर बरात का पारंपरिक तरीके से भंग व ठंडई से स्वागत होगा। इसके बाद बरात महंत निवास पर टेढ़ीनीम पहुंचेगी। वहां द्वारचार के बाद बरातियों का स्वागत होगा और फिर विधि-विधान से बाबा विश्वनाथ की मां गौरा संग विवाह के संस्कार होंगे। काशीवासी इसमें घराती की भूमिका में होंगे। यह सब विधि-विधान परंपराएं बाबा के पंचबदन चल रजत प्रतिमा से संपन्न कराई जाएंगी।
Mahashivratri 2024: भोर में ही खुले पट
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि शुक्रवार की भोर में 2:15 बजे ही मंगला आरती आरंभ हो जाएगी। भोर में 3.30 बजे से मंदिर के पट श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। म ध्याह्न भोग आरती शुक्रवार की दोपहर 12 बजे से 12.30 बजे तक होगी। इसके बाद विशेष होगी रात में चार प्रहर की आरती। प्रथम प्रहर की आरती रात्रि 10.50 से शुरू होकर रात 12.30 बजे तक चलेगी। द्वितीय प्रहर की आरती मध्य रात्रि 1.20 बजे शुरू होकर 2.30 बजे तक चलेगी। तृतीय प्रहर की आरती भोर में 2.55 से 4.25 बजे तक होगी तो चतुर्थ प्रहर की आरती भोर में 4.55 से शुरू होकर और 6.15 बजे समाप्त होगी।