mahilaon ko pregnant karo 13 rupey kamao ठगों और ठगी के बेशुमार किस्से आपने सुने होंगे. नटवरलाल से लेकर सुकेश चंद्रशेखर तक के इस दौर के बीच न जाने कितने ही ठग आए और गए. आंखों से काजल चुराने से लेकर एक बटन दबा कर कंगाल बना देने वाले ठग भी पैदा हुए. जामताड़ा वाले ठग भी देश के कोने-कोने में अपनी कहानियां छोड़ते गए. लेकिन कसम से ठग और ठगी की ऐसी कहानियां नटवरलाल भी नहीं लिख पाए. ये वो ठगी है जिसे बस सीरियस होकर सोचने भर से सामने वाला लुट जाता है. ठगों की नई जेनरेशन ने मार्केट में ठगी का बिल्कुल नया आइटम पेश किया है. प्रेगनेंट करो, लाखों कमाओ. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. ठगों के नए उस्तादों ने बाकायदा ठगी के अपने इस नए ऑर्गेनाइजेशन का नाम तक रखा हुआ है.
mahilaon ko pregnant karo 13 rupey kamao ऑल इंडिया प्रेगनेंट जॉब. इंटरेस्टेड हैं, तो अप्लाई कीजिए. बस करना ये है कि आपको एक ऐसी महिला को प्रेग्नेंट करना है, जिसको औलाद नहीं हो रही है. यदि आपने ऐसा कर दिया, तो आपको 10 से 13 लाख रुपए मिलेंगे. ना भी कर पाए तो कम से कम पांच लाख रुपए मिलने की गारंटी तो है. यानी जॉब प्रेग्नेंट करने का है. अब आप ही बताइए, कोई भी जरा सा सीरियस होकर इस ऑफर को सुनेगा, तो लुटेगा कि नहीं? क्योंकि ऑफर का एक डेडली कॉम्बीनेशन है. एक तरफ खूबसूरत महिलाओं को प्रेग्नेंट करना और दूसरी तरफ उसके बदले लाखों रुपए कमाना. बस, इसी डेडली कॉम्बीनेशन के चक्कर में सैकड़ों लोग हजारों गंवा चुके है. इसकी वजह से ठगों के नए झुंड ने करोड़ों कमा लिए है.
पटना से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर एक नवादा शहर है. इसी शहर से करीब 8 किलोमीटर अंदर एक गांव गुरम्हा है. प्रेग्नेंट करने और लाखों कमाने की पूरी इंडस्ट्री इसी गांव में है. इस इंडस्ट्री का हेडक्वार्टर यही है, जो फिलहाल तोड़ा जा चुका है. लेकिन इस हेडक्वार्टर से पहले इस कंपनी का पहला दफ्तर ये हुआ करता था. जी चौंकिए मत. करोड़ों के मुनाफे वाली कंपनी का दफ्तर एक झोपड़ी में भी हो सकता है. कंपनी के मुलाजिम के नाम पर फकत 20 से 25 लड़के हैं, वो भी 20 से 30 साल की उम्र के. कंपनी का सारा टर्नओवर इन्हीं नौजवान कंधों पर है. इसे चलाने के लिए संसाधन के नाम पर बस मोबाइल फोन है. पर इसे हल्के में मत लीजिएगा. क्योंकि इसी फोन से शुरू होता है, लाखों कमाने का खेल.
बिहार के लड़के ने राजस्थान से सीखे साइबर ठगी के नए गुर
पांच साल पुरानी बात है. इसी गांव का एक लड़का मुन्ना नौकरी के लिए राजस्थान पहुंचा. वहां मेवाड़ में एक छोटी-मोटी नौकरी करने लगा. इसी दौरान जामताड़ा जैसे कुछ गिरोहबाज़ से उसकी मुलाकात हुई. वो इस गिरोह में शामिल हो गया. फिर बाकायदा उसने साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली. एक फोन की मदद से किसी को भी कंगाल बना देने की कला, अब वो सीख चुका था. लेकिन उसे लगा कि ये काम तो सब कर रहे हैं. मार्केट में कुछ नया लाया जाए. बस इसी सोच के साथ वो राजस्थान से गांव लौट आया. उसने घरवालों से कहा कि अब वो मछली पालन का बिजनेस करेगा. गांव के करीब एक नहर थी. उसमें उसने मछली पालन का काम शुरू किया. लेकिन ये उसका असली काम नहीं था.
मछली पालन के बहाने ऐसे शुरू किया गया ठगी का कारोबार
इसकी आड़ में उसे अपना नया आइडिया अब शुरू करना था. नहर के किनारे ही उसने एक पुराने खंडहरनुमा कमरे को साफ कर उसमें अपना दफ्तर खोला. उसके बराबर में एक ऊंचा मचान बनवाया. ताकि ऊंचाई पर नेटवर्क बेहतर आ सके. इस दौरान वो गांव के 20-30 लड़कों की शिनाख्त कर चुका था. अब वो उन्हें चुपचाप गांव से बाहर इसी जगह लाकर ट्रेनिंग देने लगा. ट्रेनिंग पूरी हो गई. कंपनी शुरू करने का वक्त आ चुका था. इसी कमरे में उसने कुछ प्रिंटर भी रखे थे. उससे कंपनी के नाम, कुछ तस्वीरें, लुभावने स्लोगन के प्रिंटआउट निकाले. उन्हें सोशल मीडिया पर डालना शुरू किया. व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर अब उसकी कंपनी के काम दिखाई देने लगे. वो लोगों के डेटा खरीदने लगा.
उस डेटा में लोगों के फोन नंबर होते. उनके पेशे, पते, उम्र इन सबकी जानकारी होती. इसी जानकारी के बिनाह पर अब वो ग्राहकों को फांसने का काम शुरू करता. ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब के नाम से सोशल मीडिया के इश्तेहार जारी होते और उसमें लिखा होता कि कुछ ऐसी महिलाएं हैं, जो शादी के बरसों बाद भी मां नहीं बन पा रही हैं. ऐसी महिलाएं मां बनना चाहती हैं. हमारी संस्था ऐसी महिलाओं के काम करती है. सारा काम कानूनी होता है. ये एक तरह का नेक काम है. जो भी इच्छुक है, वो ऐसी महिलाओं को प्रेगनेंट कर उन्हें मां बनाने के लिए आगे आ सकता है. इसके लिए बाकायदा उसे पैसे भी मिलेंगे. ये रकम 10 से 13 लाख की होगी. यदि महिला प्रेगनेंट नहीं हो पाती, तो भी पांच लाख मिलेंगे.