Manish kashyap arrest यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह रोते हुए दिखाई दिया. इस दौरान उसके कुछ साथी भी वहां मौजूद थे. उसके साथियों ने उसे हिम्मत रखने के लिए कहा. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
Manish kashyap arrest विवादित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार सुबह बिहार पुलिस के सामने सरेंडर किया. यह जानकारी बेतिया के पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने दी. पिछले कुछ दिनों में पटना और पश्चिम चंपारण पुलिस के साथ-साथ आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की छह टीमों द्वारा आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही थी. YouTuber पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में गलत सूचना प्रसारित करने का आरोप है.
Aryan khan got Jailed for 25 days for the crime he didn’t commit but he didn’t cry, Manish kashyap made fun of him and tarnished his image.
This is Manish kashyap on the way to his jail for his first day and here he is crying like a baby
Karma is real 🔥https://t.co/TldLDxdas6
— Dr Nimo Yadav Commentary (@niiravmodi) March 19, 2023
कश्यप ने तमिलनाडु के प्रवासी मजदूरों पर हमलों को दिखाते हुए एक फेक वीडियो ट्वीट किया, जिसने सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रियता हासिल की. कश्यप पर सात आपराधिक मामले दर्ज हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कश्यप को पुलवामा की घटना के बाद पटना के ल्हासा बाजार में कश्मीरी विक्रेताओं पर हमला करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. उसने पहले भी कई आपत्तिजनक सामुदायिक संदेश पोस्ट किए हैं.
बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने गुरुवार को अदालत से मनीष कश्यप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल कर लिया था. सर्च वारंट जारी होते ही, YouTuber के लिए दो संभावित स्थानों पटना और दिल्ली में छापे मारे गए.
साथ ही मनीष कश्यप के बैंक खाते में जमा राशि को बिहार पुलिस ने फ्रीज कर दिया है. इन खातों में कुल मिलाकर 42.11 लाख रुपए जमा हैं. बिहार पुलिस के अनुसार, उसके एसबीआई खाते में 3,37,496 रुपये, उसके आईडीएफसी बैंक खाते में 51,069 रुपये, एचडीएफसी बैंक खाते में 3,37,463 रुपये और एचडीएफसी बैंक खाते में 34,85,909 रुपये जमा थे.
त्रिपुरारी उर्फ मनीष 2020 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बिहार के चनपटिया विधानसभा जिले से चुनाव भी लड़ चुका है. नामांकन के समय चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे में उसने खुद को त्रिपुरारी कुमार तिवारी के नाम से उम्मीदवार के रूप में पेश किया