MP में फ्लोर टेस्ट कब? बीजेपी-कांग्रेस में ठनी

1 min read

भोपाल
मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच बीजेपी की निगाहें फ्लोर टेस्ट पर है। इसके लिए बीजेपी 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के पहले दिन ही वर्तमान सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग करेगी। बता दें कि के बीजेपी में शामिल होने के बाद 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया जिसके बाद अल्पमत में आ गई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि 19 विधायकों के इस्तीफे अभी मंजूर नहीं हुए हैं इसलिए फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, ‘उन्हें पहले स्पीकर के सामने आना चाहिए। उन्हें वहां बीजेपी ने बंधक बनाया हुआ है।’

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाया गया है, यहां तक कि उनके फोन भी छीन लिए गए हैं जबकि वे वापस आना चाहते हैं। दूसरी ओर इस्तीफा देने वाले विधायकों ने विडियो जारी कर कहा कि वे सिंधिया के प्रति वफादार रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोग वापस चले भी जाते हैं जैसा कांग्रेस को उम्मीद है तो भी कमलनाथ की सरकार बच नहीं पाएगी।

बीजेपी के चीफ विप नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार अल्पमत में है। हम राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर से 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा, राज्यपाल और स्पीकर के पास 22 विधायकों के इस्तीफे हैं। अब उन्हें कॉल लेनी है। फ्लोर टेस्ट राज्यपाल के अभिभाषण से पहले होना चाहिए क्योंकि जिस सरकार को राज्यपाल संबोधित करेंगे वह अल्पमत में है। कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को बजट सत्र शुरू होने से पहले नंबर साबित करने होंगे।’

वहीं कांग्रेस इस शक्ति परीक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा समय लेने के लिए तमाम तरीके अपनाने की जुगत लगाएगी। इस संबंध में कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख चेयरमैन और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट संकेत देते हुए कहा, ‘मध्यप्रदेश के बंधक बनाए गए इन कांग्रेस विधायकों की तलाश में बेंगुलरु गए प्रदेश के दो मंत्रियों को कर्नाटक की पुलिस द्वारा मारपीट और गिरफ्तार करने के मामले में हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।’

कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र यदि मंजूर हो जाते हैं तो विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या घटकर 206 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 104 हो जाएगा। कांग्रेस के पास अपने 92 विधायक बचेंगे, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 है। मालूम हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं, इनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इनमें से कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 एवं भाजपा के 107 हैं, जबकि कांग्रेस को समर्थन दे रही बीएसपी के दो विधायक, एसपी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours