एमपी के सिवनी जिले में उद्घाटन से पहले ही 3 करोड़ का पुल बह गया था। इसके बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। पुल के निर्माण हुए 2 महीने ही पूरे हुए थे। नदी में बाढ़ के बाद पुल ताश के पत्तों की तरह बिखर गया था। अब शिवराज सरकार ने 2 अफसरों पर कार्रवाई की है। सरकार ने ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के जीएम जेपी मेहरा और असिस्टेंट मैनेजर एसके अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया है।
दरअसल, सरकारी दस्तावेजों के अनुसार इस पुल के निर्माण में कुल लागत 3 करोड़ 7 लाख रुपये आई है। इसका निर्माण कार्य 1 सितंबर 2018 को शुरू हुआ था। पुल को 30 अगस्त 2020 तक बन कर तैयार होना था। स्थानीय लोग बताते हैं कि इसका काम निर्धारित समय से 2 माह पहले ही खत्म हो गया था। इसकी लंबाई 150 मीटर और ऊंचाई 9.28 मीटर है। 3 दिनों से इस क्षेत्र में भीषण बारिश हो रही है। ऐसे पुल पानी का एक सैलाब भी नहीं झेल पाया।
गौरतलब है कि इस पुल का निर्माण कार्य 30 अगस्त को पूरा होना था। लेकिन 30 जून को ही बन कर तैयार हो गया था। उद्घाटन से पहले ही इस पुल का लोगों ने प्रयोग शुरू कर दिया था। नए पुल पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई थी। बताया जा रहा है कि भारी बारिश की वजह भीमगढ़ डैम पूरा भर गया था। डैम के सभी 10 गेट खोल दिए गए। उसके बाद नदी में उफान आया और पुल बह गया।
शिवराज ने दिए थे संकेत
दरअसल, पुल के बहने के बाद सरकार की काफी फजीहत हो रही थी। बीते दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि जांच के बाद इस मामले में कार्रवाई होगी। अब सरकार ने दो अफसरों को निलंबित कर दिया है। हालांकि ये तो तय है कि पुल निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया है।
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