Nag Panchami 2022: नाग पंचमी पर कई साल बाद बन रहा दुर्लभ योग, सिर्फ इतने घंटे तक है मुहूर्त, जानिए पूजन विधि

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नई दिल्ली: Nag Panchami 2022: नागपंचमी पर भगवान शिव के आभूषण यानी नागों की उपासना का विधान है. नागपंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष-पापों का नाश हो जाता है. इस बार नागपंचमी अपने साथ कई शुभ योग लेकर आई है. ज्योतिषियों की मानें तो नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करके आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है. कुंडली में अगर राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो तो भी इस दिन विशेष पूजा से लाभ पाया जा सकता है.

Nag Panchami 2022 नागपंचमी का शुभ मुहूर्त (Nag Panchami Shubh Muhurt)

नागपंचमी का त्योहार मंगलवार, 02 अगस्त को मनाया जाएगा. श्रावण मास की पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 03 अगस्त को सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. इस बीच नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 8 बजकर 24 मिनट तक ही रहेगा. यानी नागपंचमी पर पूजा के लिए आपको सिर्फ 2 घंटे 42 मिनट का ही समय मिल पाएगा.

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नाग पंचमी पर शुभ योग (Nag Panchami Shubh Yog)

इस साल नागपंचमी पर कई शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं. इस बार नागपंचमी चार शुभ योग में मनाई जाएगी. इस दिन संजीवनी योग, शिव योग, रवियोग और सिद्ध योग रहने वाला है. इन शुभ योगों के कारण नागपंचमी के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इसके अलावा, नागपंचमी के दिन सावन का तीसरा मंगलवार भी रहेगा. इस दिन मंगलागौरी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. ऐसे अबूझ मुहूर्तों में नागपंचमी पर नागों का पूजन करने से जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है.

हिंदू धर्म में नागों का पौराणिक महत्व (Nag Panchami Significance)

Nag Panchami 2022 सनातन धर्म में नागों का विशेष महत्व रहा है. सृष्टि के संचालक भगवान शिव के गले में हमेशा सर्पों की माला रहती है. शेषनाग के फन पर पृथ्वी टिकी हुई है. क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर स्वयं भगवान विष्णु सोते हैं. श्रीकृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव ने यमुना पार की थी. समुद्र-मंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी.

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