दो राज्यों में बटां है ये रेलवे स्टेशन, एक राज्य में टिकट खिड़की तो दूसरे में पकड़नी पड़ती है ट्रेन

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Navapur Railway Station इस अनोखे रेलवे स्टेशन का नाम नवापुर रेलवे स्टेशन है. यह महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में है. इस स्टेशन का आधा हिस्सा गुजरात के तापी जिले में और दूसरा हिस्सा महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में बना है.

यह स्टेशन भारतीय रेल के पश्चिम रेलवे जोन के अंतर्गत आता है. इस स्टेशन की सभी चीजों दोनों राज्यों के बीच में बंटी हुई हैं. स्टेशन के बीचोंबीच एक लाइन खींची गई है, जिसके एक तरह महाराष्ट्र तो दूसरी ओर गुजरात है.

Navapur Railway Station

महाराष्ट्र- गुजरात में बंटा है स्टेशन

नवापुर रेलवे स्टेशन पर एक बेंच भी है, जिसका आधा हिस्सा गुजरात तो आधा हिस्सा महाराष्ट्र में आता है. बेंच के दोनों हिस्सों पर पेंट से साफ-साफ महाराष्ट्र और गुजरात लिखा गया है.

इस स्टेशन पर आने वाले काफी लोग इस बेंच पर बैठकर अपने फोटो खिंचवाते हैं. इसके साथ ही स्टेशन पर एक सेल्फी पॉइंट भी बनवाया गया है, जहां पर दूर-दूर से आए लोग अपने फोटो खिंचवाते हैं.

स्टेशन पर बने हैं 4 प्लेटफार्म

इस अनोखे रेलवे स्टेशन की कुल लंबाई 800 मीटर है. इनमें से करीब 500 मीटर का हिस्सा गुजरात और बाकी 300 मीटर का हिस्सा महाराष्ट्र में आता है. इस रेलवे स्टेशन पर 4 रेलवे ट्रैक और 3 प्लेटफार्म बने हैं.

मजे की बात ये है कि नवापुर रेलवे स्टेशन की टिकट खिड़की महाराष्ट्र की सीमा में पड़ती है, जबकि स्टेशन मास्टर गुजरात की सीमा में बैठते हैं.

4 भाषाओं में होती है अनाउंसमेंट

इस स्टेशन पर 1-2 नहीं बल्कि 4 भाषाओं में अनाउंसमेंट की जाती है. यहां पर यात्रियों के लिए हिंदी, इंग्लिश, मराठी और गुजराती में घोषणा की जाती है.

यही नहीं, रेलवे स्टेशन पर लगे सूचना बोर्ड भी इन्हीं चारों भाषाओं में लिखवाए गए हैं, जिससे यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो.

दिलचस्प है स्टेशन का इतिहास

नवापुर रेलवे स्टेशन 2 राज्यों के बीच में कैसे बंट गया, इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है. असल में यह स्टेशन महाराष्ट्र और गुजरात के बंटवारे से पहले बना था. लेकिन 1 मई 1961 को मुंबई प्रांत का बंटवारा कर इसे 2 राज्यों, महाराष्ट्र और गुजरात में बांट दिया गया. इसी बंटवारे के तहत नवापुर रेलवे स्टेशन को भी दोनों राज्यों के बीच आधा-आधा बांट दिया गया. तभी से इस रेलवे स्टेशन की अनोखी पहचान बन गई है.

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