नई दिल्ली:- कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर उन पर पार्टी में कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है, तो दूसरी ओर गुरुवार को उनको सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा, जहां उन्हें 33 साल पुराने रोड रेज केस में एक साल सश्रम यानी कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलते ही पंजाब पुलिस सिद्धू को अपनी कस्टडी में ले लेगी।
क्या है पूरा मामला?
ये बाद साल 1988 की है। सिद्धू उन दिनों क्रिकेट के मैदान पर हीरो थे। ये घटना 27 दिसंबर की है। पटियाला में पीड़ित और दो अन्य लोग बैंक से पैसा निकालने जा रहे थे तब सड़क पर जिप्सी देखकर सिद्धू से उसे हटाने को कहा। इसके बाद दोनों में बहस शुरू हो गई। आरोप लगा कि सिद्धू ने पीड़ित के साथ मारपीट की और मौके से फरार हो गए। बाद में पीड़ित की मौत हो गई।
कैसे पलटा फैसला?
सितंबर 1999 में उन्हें बरी कर दिया था। इसके बाद में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लॉअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया था। सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया। सिद्धू को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद सिद्धू ने इस फैसले को, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। फैसला सिद्धू के हक में आया। 15 मई, 2018 सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1,000 रुपए के जुर्माना देने के बाद छोड़ दिया था।
फिर से सुप्रीम कोर्ट गए पीड़ित के परिजन
इस फैसले के बाद फिर से मृतक के परिजनों ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी। जिस पर सितंबर 2018 में कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया। इसके बाद मार्च 2022 में इस केस में फैसला सुरक्षित रखा गया था, जो गुरुवार को सुनाया गया।
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