नई दिल्ली:-आज है महाअष्टमी, आज मंदिरों में सुबह से ही मां के जयकारे गूंज रहे हैं। अष्टमी का आरम्भ कल रात 9 बजकर 49 मिनट से हो चुका है, जो कि आज रात 8 बजकर 9 मिनट पर तक रहेगी और इसके बाद नवमी लग जाएगी। आज लोगों के घरों में मां गौरी की विशेष पूजा-अर्चना चल रही है। आज बहुत सारे घरों में कन्या पूजन भी किया जा रहा है। माना जाता है कि कुमारी कन्याओं में मां दुर्गा का वास होता है, इसलिए लोगों के घरों में नवरात्रि के दिनों में कन्याओं को भोजन खिलाया जाता है।
महागौरी का प्रिय फूल-
शास्त्रों के अनुसार, मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं। माता महागौरी की पूजा करते समय पीले या सफेद वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। महागौरी का पूजन करते समय पीले फूल अर्पित करने चाहिए।
भोग-
महागौरी को हलवा का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि माता रानी को काले चने प्रिय हैं।
मां महागौरी की पूजाविधि-
सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।इसके बाद चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल से शुद्धिकरण करना चाहिए।
अब चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें।
इसके बाद चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) आदि की स्थापना करें।
अब महाष्टमी या दुर्गाष्टमी व्रत का संकल्प लें और मंत्रों का जाप करते हुए मां महागौरी समेत समस्त देवी-देवताओं का ध्यान लगाएं।
अब मां महागौरी का आवाहन, आसन, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, फूल, धूप-दीप, फल, पान, दक्षिणा, आरती, मंत्र आदि करें। इसके बाद प्रसाद बांटें।
महाष्टमी की पूजा के बाद कन्याओं को भोजन कराना उत्तम माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से मां महागौरी शुभ फल देती हैं।
इन मंत्रों से मां महागौरी का करें जाप-
1. श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो।।
2. या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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