डोंगरगढ़,राजनांदगांवः- Maa Bamleshwari Mandir Dongargarh माँ बमलेश्वरी देवी के मंदिर से ख्यातिप्राप्त डोंगरगढ़ एक ऐतिहासिक नगर है। यहां की माटी में धर्म का आदर्श है तो इतिहास का शौर्य भी इसमें में कुछ कम नहीं है। चारों तरफ की प्राकृतिक छटा यहां की विशेषताएं हैं। यहां स्थापित माता बमलेश्वरी देवी के दर्शन मात्र से ही मनोरथ सिद्धि का माध्यम बन जाता है। 1200 फीट की ऊंचाई पर स्थित माता बमलेश्वरी आज डोंगरगढ़ ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ की धार्मिक पहचान बन गई है। चारों ओर से जलाशयों से गिरी इस पहाड़ी का प्राकृतिक सौंदर्य नयनाभिराम है। यहां वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्रि और क्वार नवरात्रि में माता बमलेश्वरी देवी का मेला लगता है। जिसमें पूरे भारतवर्ष से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
Maa Bamleshwari Mandir Dongargarh क्वांर नवरात्रि पर्व का आयोजन ने समूचा देश व प्रदेश के मंदिरों में नवरात्र पर्व की धूम मची हुई है इसी क्रम डोंगरगढ़ के मा बमलेश्वरी में ऊपर पहाड़ो वाली में हजारों की तदाद में मनोकामना ज्योत प्रज्वलित होता है साथ ही देश व प्रदेश के कोने कोने से दर्शन करने लोग पहुँचते है प तथा मंदिर परिसर में मेले का भी आयोजन होता है पूरे आयोजन जिला प्रशासन एवं बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति का योगदान रहता है।
Maa Bamleshwari Mandir Dongargarh भक्ति की शक्ति इतनी है कि बमलेश्वरी पहाड़ी की 1200 फीट की ऊंचाई कब और कैसे तय हो जाता है की पता नही चलता है। ऐतिहासिक नगर डोंगरगढ़ में माता बमलेश्वरी के 2 मंदिर हैं बड़ी मां के नाम से विख्यात मंदिर बमलेश्वरी पहाड़ के 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, छोटी मां के नाम से जाना जाने वाली मंदिर पहाड़ी के पश्चिम नीचे समतल जमीन पर स्थित है।
Maa Bamleshwari Mandir Dongargarh
Maa Bamleshwari Mandir Dongargarh ऐसा माना जाता है कि यहां आकर माता का दर्शन मात्र से श्रद्धालुजन मनोवांछित फल पा जाते हैं, अपने दरबार में सभी की प्राथनाएं माता जी सहज ही सुन लेती है। देवी जी की प्रतिमा के सामने खड़े होने मात्र से ही दिव्य शक्ति मिल जाने का एहसास होने लगता है,भक्त भय मुक्त हो जाता है।माता की ऐसी कुछ दिव्य शक्तियों का प्रताप है कि बम्लेश्वरी देवी की ख्याति प्रदेश और देश से आगे निकलकर अब विदेशों तक फैलने लगी है।
पहले दिन ही उमड़ी भीड़, नेताओं का भी जमावड़ा
शारदीय नवरात्र के पहले दिन ही भक्तों हजारों की संख्या काफी थी। सुबह से देखने को मिल रहा है। इधर नेताओं की भी उपस्थिति सुबह से माता के मन्दिर में देखी गयी। देर शाम ज्योति कलश की स्थापना की गई, जिसमे ऊपर पहाड़ पर स्थित मां बम्लेश्वरी में 7551 ज्योति कलश नीचे मां बम्लेश्वरी में 901 व मां शीतला मंदिर में 63 ज्योति कलश की स्थापना की गई।