छत्तीसगढ़ में उदय हुआ नया पार्टी, सर्व आदिवासी समाज ने बनाया नया पार्टी, हमर राज पार्टी

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छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज – आदिवासी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रमुख संगठन – ने अपनी राजनीतिक इकाई, हमार राज पार्टी (एचआरपी) की स्थापना की है, और आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में 90 विधानसभा सीटों में से 50 पर उम्मीदवारों को नामांकित करने के इरादे की घोषणा की है। नवंबर के अंत तक.

सर्व आदिवासी समाज ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली है. कांग्रेस से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम (Arvind Netam) ने अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम हमर राज पार्टी (Hamar Raj Party) रखा है. इस नाम से अरविंद नेताम ने अपनी पार्टी का नाम भारतीय निर्वाचन आयोग में रजिस्टर करवा लिया है. अब राज्य के 90 में से 50 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर रहे हैं.

रायपुर में सर्व आदिवासी समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान नई पार्टी के नाम का ऐलान किया गया है. अरविंद नेताम ने बताया कि हमर राज पार्टी का अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम को बनाया गया है. कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावते को बनाया गया है. पार्टी के महासचिव की जिम्मेदारी विनोद नागवंशी और महेश रावटे को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. नई पार्टी बनाने को लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि लंबे समय से सर्व आदिवासी समाज अपने मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है, लेकिन अब तक सरकार ने समाज की मांगों को ध्यान नहीं दिया गया. इस लिए अब हम खुद अपना विधायक और सांसद बनाएंगे.

30 सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल

अरविंद नेताम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ‘हमर राज पार्टी’ के नाम से अस्तित्व में आ गया है. चुनाव चिह्न लेकर नियमानुसार पंद्रह चिह्न दिए गए हैं, कयास है कि कुएँ और पानी से संबंधित कोई बर्तन राजनीतिक दल का निशान हो सकता है. इसके अलावा राज्य के 90 में से 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का पार्टी ने ऐलान किया है.इसमें आदिवासी आरक्षित 29 सीट और 21 सामान्य सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. पार्टी सामान्य सीटों पर ओबीसी वर्ग के साथ तालमेल बैठकर प्रत्याशी उतारने की रणनीति बना रही है. अरविंद नेताम ने बताया कि पार्टी ने 30 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर लिया है.

आदिवासी आरक्षित सीटों पर क्या है समीकरण?

छत्तीसगढ़ की राजनीति में आदिवासियों की भूमिका सबसे अहम है क्योंकि छत्तीसगढ़ एक ट्राइबल स्टेट है, राज्य में 2011 के जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या में 30 प्रतिशत आदिवासी है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीट है. इनमें से 39 सीट आरक्षित है. जो की 29 सीट अनुसूचित जनजाति और 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों में कांग्रेस का दबदबा रहा है. बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. सरगुजा संभाग के भी 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. कुल मिलाकर 29 में से 2 सीट ही बीजेपी के पास है. बाकी 27 विधानसभा सीटों में कांग्रेस कब्जा है.

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