राजधानी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही ने ले ली 2 जान, 12 घंटे के भीतर दो नवजात की मौत, CHMO ने जांच के लिए भेजी टीम

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Newborn Dies In Raipur छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के उरला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 घंटे के भीतर दो नवजात बच्चों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, एक बच्चे की मौत डॉक्टर-नर्स के बीच आपसी झगड़े की वजह से हुई। वहीं, दूसरे बच्चे की जान मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के चलते गई है। इस मामले में फिलहाल रायपुर CHMO ने जांच के लिए टीमें भेजी है।बताया जा रहा है कि, घटना सोमवार शाम की है। उरला निवासी संतोष साहू ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी पत्नी सोनी साहू को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। शाम के समय अचानक उसको तेज दर्द उठा। जिसके बाद स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर पूनम सरकार जांच के लिए पहुंची।

बच्चे की हुई मौत

Newborn Dies In Raipur मिली जानकारी के मुताबिक, बच्चे का सिर बाहर आ गया था। लेकिन डॉक्टर ने नर्सिंग स्टॉफ के साथ आपसी झगड़े की वजह से उन्हें नहीं बुलाया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र की नर्स ने भी मदद नहीं की। जिससे बच्चा करीब 2 घंटे तक अंदर फंसा रहा। जिसके बाद उसकी सांस रुकने से मौत हो गई।इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि, इस घटना के कुछ घंटे पहले यहां एक और महिला के नवजात बच्चे की मौत हुई थी। जिसमें डॉक्टर के ऑपरेशन में देरी वजह बनी।

CHMO ने भेजी टीम

Newborn Dies In Raipur इस मामले में रायपुर CHMO मिथलेश चौधरी ने कहा कि, मामले की जांच के लिए टीम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजी गई है। फिलहाल वहां पर मौजूद डॉक्टर स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। उनसे बयान लेने के बाद घटना की जानकारी मिल पाएगी।

Newborn Dies In Raipur रिश्वत लेने का भी आरोप

वहीं उरला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़े भ्रष्टाचार का भी खुलासा हो रहा है। एक वीडियो वायरल हो रहा है जहां डिलीवरी के लिए स्टाफ नर्स का पैसा लेते वीडियो  सामने आया है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों से लगातार पैसा लेने का आरोप मरीज लगा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता ने बताया कि डिलीवरी के लिए लिए पैसा लिया गया। बहरहाल मामला सामने आने के बाद प्रशासन  क्या कदम उठाता है यह देखने वाली बात होगी ।

डेढ़ माह से प्रसूताओं को नही मिल रहा खाना 

आपको बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र में करीब डेढ़ महीने से भी प्रसूताओं को खाना नहीं मिल रहा है। प्रसूताएं घर के खाने के भरोसे हैं। बता दें कि प्रसूताओं को दो बार नाश्ता दो बार खाना देने का प्रावधान है । इसका खुलासा मितानिनों के साथ स्टाफ ने भी किया है। लाखों रुपए में प्रसूताओं को खाना देने का ठेका होता है बावजूद इसके मरीजों को खाना मुहैय्या नहीं कराया जा रहा है।

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