अब इस राज्य के दफ्तरों में कर्मचारी पी सकेंगे शराब, इन शर्तों के साथ मिलेगा लाइसेंस

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हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार प्रदेश में इस साल नई शराब नीति लाई है। इस नीति के अनुसार 12 जून से राज्य भर में स्थित बड़े कॉर्पोरेट कार्यालयों में कम अल्कोहल मात्रा वाले शराब परोसना संभव होगा। मंत्रिपरिषद ने 2023-24 आबकारी नीति लागू की है। इस नीति में बीयर, वाइन और पीने के लिए तैयार पेय पदार्थ की मना​ही नही होगी। इसमें कम से कम पॉच हजार कर्मचारियों वाले एक कॉर्पोरेट कार्यालय में पेय पदार्थों की अनुमति होगी।
इस नई शराब नीति के अनुसार आफिस के एक परिसर में एक लाख वर्ग फुट का न्यूनतम कवर क्षेत्र जरूरी होगा सा​थ ही परिसर में कम मात्रा वाले अल्कोहल पेय पदार्थों की खपत के लिए एक लाइसेंस (L-10F) दिया जाएगा। नियमानुसार आफिस का परीसर खुद का हो या लीज पर लिया हो सकता है।

हरियाणा सरकार की नीति के मुताबिक, कार्यालय के कैंटीन या भोजनालय का न्यूनतम क्षेत्रफल 2,000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा है उन्ही को L-10F लाइसेंस दिया जाएगा। लाइसेंस देने की प्रक्रिया बार लाइसेंसों के लिए लागू होगी। एल-10एफ लाइसेंस एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर के नियमों और शर्तों पर 10 लाख रुपये के सालाना तय चार्ज के भुगतान पर दिया जाएगा।” लाइसेंस शुल्क के अलावा तीन लाख रुपये की सिक्योरिटी भी देनी होगी। इसके अलावा परिसर किसी ऐसे क्षेत्र से जुड़ा नहीं होना चाहिए जहां अक्सर लोग आते-जाते हों या आम रास्ते में नहीं होना चाहिए।

हरियाणा सरकार ने मनोरंजन शो से लेकर अन्य कार्यक्रमों के दौरान आयोजकों को शराब परोसने के लिए अस्थायी लाइसेंस ।L-12AC आवेदको में बढढोत्तरी कर दी है,L-12AC लाइसेंस के लिए एक बार में अधिकतम तीन दिनों के लिए आवेदन किया जा सकता है। जहॉ इवेंट और शो में 25,000 से अधिक लोगों के जमावड़े के लिए शुल्क को 5 लाख रुपये प्रति ईवेंट से बढ़ाकर 10 लाख प्रति दिन प्रति ईवेंट कर दिया गया है। 5,000 से अधिक लेकिन 25,000 से कम व्यक्तियों के एकत्र होने के लिए इसे प्रति ईवेंट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये प्रति ईवेंट कर दिया गया हैै।

 

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