अब सरकारी कर्मचारी बेचेंगे शराब, इस राज्य की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को सौंपा संचालन का जिम्मा

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जयपुर: Government Employee will Sale Liquor राजस्थान में अब सरकारी कर्मचारी शराब की दुकानों का संचालने करेंगे । जयपुर सहित प्रदेश में करीब डेढ़ सौ दुकानों के संचालन का जिम्मा अगले एक-दो दिन में 318 सरकारी कर्मचारियों को सौंपा जाएगा। इनमें जयपुर की 97 दुकानें शामिल है। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब सरकारी कर्मचारी शराब की दुकानें चलाएंगे।

Chhattisgarh Today
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ठेकेदारों ने नीलामी में लेने से किया इंकार

Government Employee will Sale Liquor दरअसल,4 लाख 40 हजार करोड़ के कर्जभार से जूझ रही राजस्थान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग से 15 हजार करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। यह राजस्व कुल 7,665 दुकानों, बीयर बार और रेस्टोरेन्ट बार से हासिल किया जाना तय हुआ है । लेकिन सरकार की मुश्किल यह है कि उंची कीमत के कारण शराब के पुराने ठेकेदारों ने 774 दुकानों को नीलामी में लेने से इनकार कर दिया। ठेकेदारों का कहना है कि ऊंची कीमत के कारण उन्हे साल के अंत में घाटा होने की उम्मीद है। ऐसे में दुकान की कीमत कम की जाए। लेकिन सरकार दुकानों की कीमत कम करने को तैयार नहीं है। सरकार और ठेकेदारों के बीच चल रही खींचतान के कारण एक महीने 774 दुकानें नहीं खुल सकी है। अब सरकार ने करीब डेढ़ सौ दुकानों का संचालन सरकारी कर्मचारियों से करवाने का निर्णय लिया है। शेष के बारे में अगले कुछ दिनों में निर्णय होगा ।

तीन निगमों के कर्मचारी बेचेंगे शराब

सरकार के तीन निगमों राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन (आरएसबीसीएल), गंगानगर शुगर मिल (जीएसएम) और राजस्थान पर्यटन निगम (आरटीडीसी) के 318 कर्मचारियों को शराब की दुकानों का संचालन करने का जिम्मा सौंपा जा रहा है। इनमें क्लर्क, मैनेजर से लेकर आबकारी निरीक्षक स्तर के कर्मचारी शामिल होंगे। शराब ठेकेदारों की मनमानी और पूल बनाने के कारण जयपुर की 404 में से 101 दुकानें अब तक नीलामी में किसी ने नहीं ली है। इनमें से 97 दुकानों का संचालन सरकारी कर्मचारियों से करवाया जाएगा, शेष चार के बारे में अगले कुछ दिनों में निर्णय होगा ।

दुकानदार ज्यादा दाम पर शराब बेचकर कमा रहे मुनाफा

आबकारी विभाग ने मार्च और अप्रैल महीनों में शराब की दुकानों के लाइसेंस देने के लिए आनलाइन आवेदन मांगे थे। आवेदन मांगने की शुरूआत से ही ठेकेदार कीमत कम करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। उधर अब तक शराब की सभी दुकानें नहीं खुली तो कई दुकानदार तय मूल्य से ज्यादा पर शराब बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।

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