भारत परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बहुत शानदार काम कर रहा है। परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और एटॉमिक एनर्जी कमीशन के अध्यक्ष अजीत कुमार मोहंती ने आईएईए के सम्मेलन में भारत की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि कैंसर केयर से लेकर फूड सिक्यॉरिटी के क्षेत्र में भारत काम कर रहा है।
भारत समेत पूरी दुनिया में परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल अब ऊर्जा पैदा करने से लेकर कैंसर के इलाज तक में किया जा रहा है। हाल ही में वियना में हुए इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के 67वें जनरल कॉन्फ्रेंस में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव एवं एटॉमिक एनर्जी कमीशन के अध्यक्ष अजीत कुमार मोहंती ने विभाग की ओर से न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र भारत में हो रहे कार्यों को एजेंसी के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कैंसर केयर, स्मार्ट फार्मिंग, क्लाइमेट चेंज, फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रीशन जैसे क्षेत्र में भारत आईएईए के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है।
मोहंती ने कहा की दुनिया भर में कैंसर के बढ़ रहे मामलों को कम करने के लिए आईएईए द्वारा संचालित कार्यक्रम “रेज ऑफ होप” एक बेहद प्रभावी कार्यक्रम है जिसका हम पूरी तरह समर्थन करते हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है की टाटा स्मारक केंद्र अपने 9 सेटेलाइट सेंटर के साथ आईएईए का सहयोग सेंटर बन रहा है। न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बारे में उन्होंने कहा कि एनपीसीआई के कुछ रिएक्टर लगातार 365 दिन से अधिक काम किए हैं और ऐसा एक बार नहीं, बल्कि 42 बार हुआ है।
मोहंती ने कहा कि यही नहीं 5 बार ऐसे भी मौके आए जब ये रिएक्टर लगातार 700 से अधिक दिन तक ऑपरशन में रहे। इस दौरान उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षित फ्लाइट ऑफ स्पेस एक्सप्लोरेशन कैप्सूल की जानकारी भी एजेंसी के लोगों संग साझा की गई। साथ ही भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से कृषि और दवाइयों के क्षेत्र के में हाल ही में हासिल उपलब्धियों को भी सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि बार्क के विजाग स्थित कैंपस में रेअर अर्थ पर्मानेंट मैगनेट के उत्पादन का केंद्र भी विकसित किया गया है।