भोपाल। Pandit Pradeep Mishra Katha in Bhopal सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा करोड के 55 एकड़ वाले मैदान में कल से शिव महापुराण का वाचन करेंगे। इससे पहले आज भोपाल में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें पंडित मिश्रा को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस शोभायात्रा में मंत्री विश्वास सारंग ने जमकर डांस किया।
Pandit Pradeep Mishra Katha in Bhopal शोभायात्रा शाम 6:30 बजे बौद्ध विहार से प्रारंभ हुई, जो अन्ना नगर चौराहा, सुभाष मार्केट, विकास नगर, शिव मंदिर, कैलाश नगर, जनता का क्वार्टर, सुभाष खेल मैदान, पंजाबी बाग, परिहार चौराहा, अशोक गार्डन, पुष्पा नगर चौराहा, महामई पुलिया, स्टैंड रोड, चांदवड, विजयनगर, सौभाग्य नगर, सुभाष कॉलोनी मैन रोड, सम्राट कॉलोनी 80 फिट रोड होते हुए नेहरू नगर चौराहे पर पहुंची। इस दौरान लगभग ढाई सौ से ज्यादा सामाजिक संगठनों व समाज द्वारा पंडित मिश्रा का स्वागत किया गया। लगभग 500 से ज्यादा स्वागत मंचों से श्रद्धालुओं ने मंचो से पंडित जी पर फूलों की वर्षा की।
राजधानी भोपाल के करौंद इलाके में पीपुल्स मॉल के पीछे 55 एकड़ ग्राउंड में पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा का वाचन करेंगे। यहां पर 55 एकड़ ग्राउंड में तीन बड़े डॉम बनाए गए हैं। सभी डैम वाटर प्रूफ है आसपास बड़े एरिया में पांच से छह टेंट की व्यवस्था है छह मुख्य समेत 10 गेट रहेंगे 200 एकड़ में 13 पार्किंग रहेंगी। पंडित जी की व्यास पीठ के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। करीब 170 वर्ग फीट लंबा मंच बनाया गया है। इसकी ऊंचाई करीब 10 फीट है ताकि पंडाल के अंतिम हिस्से में बैठे श्रद्धालु भी पंडित जी को आसानी से देख सके।
व्यवस्थाओं को परखने की मॉक ड्रिल
कथा स्थल की व्यवस्थाओं को परखने के लिए मॉक ड्रिल भी की गई आयोजन स्थल के सभी 11 द्वारों पर बनाए गए। नियंत्रण कक्षों के साथ कथा सुनने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। उसी हिसाब से तैयारियां भी की जा रही है।
5 दिन यानी 10 से 14 बदले रहेंगे शहर के कई रास्ते
राजधानी भोपाल के करोंद क्षेत्र में कल यानी शनिवार से पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन होने जा रहा है। 10 से 14 जून तक पंडित प्रदीप मिश्रा इसका वाचन करेंगे। ऐसे में संभावित भीड़ और श्रद्धालुओं के आवागमन को लेकर यातायात विभाग ने कथा स्थल और उसके आसपास की विशेष कार्ययोजना बनाई है। कथा स्थल पर पहुंचने और वहां से बाहर निकालने का मार्ग अलग-अलग रहेगा। इसे वन वे घोषित किया गया है इसके अलावा 5 दिनों तक करोंद से शहर से बाहर एवं अंदर आने वाले रास्तों को भी परिवर्तित किया गया है।