पिछले दो महीने में क्रूड ऑयल इंटरनेशनल लेवल पर गिरकर सात महीने के निचले स्तर पर चला गया. एक बार फिर तीन दिन से इसमें तेजी देखने को मिल रही है. अब तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) और सहयोगियों (OPEC+) ने क्रूड ऑयल की कीमत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी लाने के लिए कच्चे तेल के उत्पादन में बड़ी कटौती करने का फैसला किया है. इसका असर आने वाले दिनों घरेलू बाजार में भी देखने को मिल सकता है.
प्रतिदिन 20 लाख बैरल तक घटाया उत्पादन
जानकारों का कहना है कि ओपेक देशों का यह कदम मंदी के संकट से जूझ रहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका होगा. कोविड-19 (Covid-19) महामारी की शुरुआत के बाद ओपेक के वियना मुख्यालय में ऊर्जा मंत्रियों की पहली आमने-सामने की बैठक में नवंबर से उत्पादन में प्रतिदिन 20 लाख बैरल की कटौती करने का फैसला किया गया. ओपेक के इस कदम के बाद कच्चा तेल एक बार फिर से 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने की उम्मीद है.
Petrol-Diesel Price
महामारी के दौरान प्रोडक्शन में बड़ी कटौती
इससे पहले ओपेक प्लस ने पिछले महीने उत्पादन में सांकेतिक कटौती की थी. हालांकि, महामारी के दौरान उत्पादन में बड़ी कटौती की गई थी. लेकिन पिछले कुछ महीने से निर्यातक देश उत्पादन में बड़ी कटौती से बच रहे थे. ओपेक प्लस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह फैसला वैश्विक आर्थिक और कच्चे तेल के बाजार परिदृश्य में अनिश्चितता को देखते हुए लिया गया है.
80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गया तेल
हालांकि, कहा जा रहा है कि प्रोडक्शन में कटौती से तेल के दाम और उससे बनने वाले पेट्रोल की कीमत पर विशेष असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ओपेक प्लस के सदस्य पहले ही समूह द्वारा तय किए गए ‘कोटा’ को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. आपको बता दें पिछले दिनों क्रूड ऑयल गिरकर 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चला गया था. लेकिन घरेलू तेल कंपनियों ने किसी प्रकार की कीमत में कटौती नहीं की.
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