नई दिल्ली: Petrol diesel will costlier: देश में पिछले काफी लंबे वक्त से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं. लेकिन त्योहारों के बीतने के बाद यानी नवंबर के महीने से इसमें इजाफा देखने को मिल सकता है. जिससे नवंबर के महीने से जनता को महंगाई का एक और डोज मिल सकता है.
इस वजह से महंगा हो सकता है तेल
Petrol diesel will costlier: तेल उत्पादन और निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और उसके सहयोगी देशों (OPEC+) ने कच्चे तेल (Crude Oil) के प्रोडक्शन में बड़ी कटौती करने का फैसला किया है. ओपेक देशों के इस फैसले से ग्लोबल इकॉनमी को बड़ा झटका भी लग सकता है. कोविड 19 और लंबे वक्त तक लॉकडाउन जैसी स्थिति को झेलने के बाद पटरी पर लौट रही ग्लोबल इकॉनमी को ओपेक देशों के इस फैसले से तगड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
रोजाना 20 लाख बैरल की कटौती
भारत पर पड़ेगा ये असर
Petrol diesel will costlier: बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2020-21 में भारत ने अपनी कुल तेल जरूरतों का लगभग 84 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा किया था. भारत अपनी तेल जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा सउदी अरब और दूसरे ओपेक देशों से पूरा करता है. कई सारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईराक भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है.
Petrol diesel will costlier
Petrol diesel will costlier: बता दें कि ईराक भी ओपेक देशों के संगठन में शामिल है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओपेक संगठन के साथ भारत का तेल निर्यात 16 सालों के न्यूनतम स्तर पर है लेकिन फिर भी यह आंकड़ा लगभग 60 फीसदी तेल आयात के आस पास है.
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