नई दिल्ली: petrol price hike 25 rs ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने डीजल की कीमतों (Diesel Price) में 25 रुपये के इजाफे का ऐलान किया है. लेकिन, इससे पहले कि आप ‘कहा था ना विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे’ वाले मोड में जाएं, हम बता दें कि ये दाम बल्क कस्टमर्स (Bulk Customers) के लिए बढ़ाए गए हैं. यानी जो लोग थोक में खरीदारी करते हैं. फिलहाल, पेट्रोल पंपों पर रिटेल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
petrol price hike 25 rs डीजल के दाम बढ़ने के बाद राजधानी दिल्ली में बल्क यूजर्स के लिए नया रेट 115 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जो पहले 86.67 रुपये प्रति लीटर था. वहीं, मुंबई में ये दाम अब 122.05 प्रति लीटर हो गया है, जो पहले 94.14 प्रति लीटर था. आजतक की खबर के मुताबिक, यह बढ़ोतरी इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दामों में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद की गई है. इससे पहले चार नवंबर 2021 से पेट्रोल और डीजल के दाम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था.
बल्क कस्टमर्स उन्हें कहा जाता है, जो थोक में पेट्रोल, डीजल खरीदते हैं. इसमें डिफेंस क्षेत्र के प्रतिष्ठान, रेलवे और अलग-अलग ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन, पावर प्लांट, केमिकल प्लांट और इसी तरह के अन्य इंडस्ट्रियल प्लांट शामिल हैं. साथ ही, एयरपोर्ट्स और मॉल भी बल्क कस्टमर्स में आते हैं.
हालांकि, अभी रिटेल कस्टमर्स के लिए सीधे तौर पर दाम तो नहीं बढ़े हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि बल्क कस्टमर्स के लिए में महंगे हुए डीजल के दाम रिटेल कस्टमर्स पर भी असर डालेंगे. ये असर मुख्य तौर पर दो तरह का होगा,
- राशनिंग शुरू हो जाएगी, जैसा रिलायंस ने अभी से कर दिया है. कंपनी ने सप्लाई 50% घटा दी है. अगर सरकार ने (तेल कंपनियों ने) अगले कुछ दिनों में रिटेल दाम नहीं बढ़ाए, तो सरकारी तेल कंपनियां भी सप्लाई घटाएंगी. जिससे पंपों पर तेल की किल्लत हो सकती है.
- बल्क में 25 रुपया महंगा तेल खरीदने के बजाय इंडस्ट्री और बल्क बायर्स पंपों से ब्लैक में सस्ता तेल खरीदेंगे. पंप भी ब्लैक कर सकते हैं. इससे भी पंप ड्राई होंगे. यानी पंप बंद होने की नौबत आ सकती है. रिटेल ग्राहकों के लिए सप्लाई क्रंच होगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बल्क कस्टमर्स के पेट्रोल पंपों से फ्यूल खरीदने के कारण नयारा एनर्जी, जियो बीपी और शेल जैसे प्राइवेट रिटेलर्स को काफी घाटा हुआ है. 136 दिनों से दामों में बदलाव ना होने के कारण इन कंपनियों को डीजल पेट्रोल बेचने की तुलना में पंप बंद करना ज्यादा सही लग रहा है.
ये हालात तब है जब पिछले महीने पेट्रोल पंप पर फ्यूल की बिक्री काफी बढ़ी थी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कारण ये था कि मॉल और बस ऑपरेटर्स ऑयल कंपनियों की बजाय पेट्रोल पंप से तेल खरीद रहे हैं.
इसी तरह का प्रभाव साल 2008 में भी देखना पड़ा था, जब रिलायंस इंडस्ट्रीज को 1,432 पेट्रोल पंप बंद करने पड़े थे. उस वक्त भी बिक्री शून्य पर पहुंच गई थी क्योंकि कंपनी पब्लिक सेक्टर में सब्सिडाइज्ड दामों पर मिल रहे ईंधन के दामों का मुकाबला नहीं कर पा रही थी.