Petrol Price may come down: महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है. वहीं देश में लंबे समय से पेट्रोल और डीजल की कीमत भले स्थिर हैं, लेकिन लगातार ऊंचाई पर बनी हुई हैं. इससे जल्दी राहत भी मिलती नहीं दिख रही है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल में एक बयान दिया है, जो इसी ओर इशारा करता है.
Petrol Price may come down: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि सरकारी तेल कंपनियों के पिछले घाटे को देखते हुए पेट्रोल की कीमतों में जल्द कटौती होने की उम्मीद नहीं है. देश की 3 बड़ी सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने पिछले 15 महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लागत के अनुरूप बदलाव नहीं किया है. इससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
कच्चा तेल सस्ता होने से दबाव हुआ कम
Petrol Price may come down:पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने से कंपनियों पर दबाव कुछ कम हुआ है. लेकिन उन्होंने पिछले नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कटौती नहीं की है. वहीं कुछ दिन पहले आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल से 10 रुपये प्रति लीटर का फायदा हो रहा है. वहीं डीजल पर होने वाला घाटा घटकर 6.5 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कंपनियों ने निभाई जिम्मेदारी
Petrol Price may come down: पुरी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद कच्चे तेल के दाम में आए उछाल के बावजूद तेल कंपनियों ने जिम्मेदार आचरण किया. कंपनियों ने रिटेल कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की. सरकार ने उन्हें कीमतें स्थिर रखने को नहीं कहा था. उन्होंने खुद ही यह फैसला किया था.”
पीटीआई की खबर के मुताबिक वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान हरदीप सिंह पुरी ने कहा उन्हें उम्मीद है कि नुकसान की भरपाई हो जाने पर कीमतें कम हो जानी चाहिए. हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कीमतें स्थिर रखने से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इन कंपनियों को कुल 21,201.18 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई होनी बाकी है.
जून 2022 में कंपनियों की लागत बेहद बढ़ गई
Petrol Price may come down: उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ऊंचे दाम पर कच्चा तेल खरीदने से उनकी लागत बढ़ गई. जून 2022 के अंत में उन्हें एक लीटर पेट्रोल पर 17.4 रुपये और डीजल पर 27.2 रुपये प्रति लीटर का नुकसान उठाना पड़ रहा था.
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