PFI, खुरासान: दिल्ली दंगों का पहले से प्लान?

1 min read

नई दिल्ली
रविवार को आईएस से जुड़े एक दंपती और अब पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मेंबर दानिश की गिरफ्तारी दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश का इशारा कर रही है। जामिया इलाके से पकड़े गए आईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े दंपती जहांजेब शामी और हिना पर आरोप है कि दोनों पिछले 3 महीने से सक्रिय थे और लोगों को सीएए, सरकार और एक समुदाय के खिलाफ भड़का रहे थे। इसी तरह पीएफआई मेंबर दानिश पर आरोप है कि सीएए-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान वह झूठी सूचनाएं फैलाकर लगातार लोगों को भड़काने की कोशिश करता रहा।

माना जाता है कि खुरासान मॉड्यूल को पाक ने ही खड़ा किया
33 साल का मोहम्मद दानिश दिल्ली के त्रिलोकपुरी का रहने वाला है। इन गिरफ्तारियों से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं कि कहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर दिल्ली दंगों की पहले से ही साजिश तो नहीं रची गई थी। दिल्ली दंगों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की आशंका यूं ही नहीं है। माना जाता है कि आईएसआईएस के खुराना मॉड्यूल को पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने ही खड़ा किया है। रविवार को जामिया नगर के ओखला से जिस दंपती को गिरफ्तार किया गया, वे इसी आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे।

पढ़ें:

आईएस की ही शाखा है ISKP
आईएसकेपी आतंकी संगठन आईएसआईएस की एक शाखा है जिसे आईएसकेपी यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविन्स के नाम से जाना जाता है। इस मॉड्यूल का बेस पाकिस्तान-अफगान सीमा पर है। अफगानिस्तान के अलावा जम्मू-कश्मीर में भी इसकी पैठ है। दरअसल, खुरासान अफगानिस्तान का ऐतिहासिक एरिया है, जिसमें अफगानिस्तान, और ईरान के हिस्से शामिल थे। आईएस खुरासान में तालिबान छोड़ने वाले और विदेशी लड़ाके, दोनों शामिल हैं। इस संगठन को बेहद क्रूर माना जाता है।

CAA के बहाने हिंसा के लिए भड़का रहे थे
रविवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जिस दंपती को गिरफ्तार किया वे श्रीनगर के रहने वाले हैं और पिछले साल अगस्त में दिल्ली आए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, जहांजेब शामी ने बीटेक किया है, जबकि हिना ने एमसीए किया है। हिना इस्लामिक स्टेट की मैगजीन में भी लिखती थी। दोनों अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के बड़े हैंडलर के संपर्क में थे और अगस्त में कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के बाद दिल्ली आए। इन्होंने जामिया नगर के ओखला विहार में किराए का घर लिया और दिल्ली में आत्मघाती हमलों की प्लानिंग कर रहे थे। इनके घर से ऐंटी-सीएए और समुदाय विशेष के खिलाफ काफी मटीरियल मिला है, घर से लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। दोनों दिल्ली के अलावा कई और शहरों में भी लोगों को भड़का रहे थे।

पीएफआई के भी आईएसआई से तार जुड़े होने के संकेत
इससे पहले, दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने 27 फरवरी को ही नवभारत टाइम्स को बताया था कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगे के तार पीएफआई और आईएसआई से जुड़ने के संकेत मिले हैं। पीएफआई मेंबर दानिश की गिरफ्तारी अब इस साजिश से पर्दा उठा सकती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के दंगे में पीएफआई और अन्य संगठनों ने लंबी साजिश रची हुई थी। इसका बैकअप आईएसआई से सोशल मीडिया के जरिए फर्जी विडियो, कॉन्टेंट से मिल रहा था। दिल्ली दंगों के दौरान पाकिस्तान से ताबड़तोड़ फेक विडियो अपलोड किए जा रहे थे। पाकिस्तान से कई फेसबुक और ट्विटर अकाउंट चल रहे थे। पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी भड़काने की कोशिश की जा रही थी।

…तो साजिश के तहत दिल्ली में भड़काई गई दंगों की आग?
दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल भी मिली थी। उन नंबरों पर अलीगढ़ और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के बीच बातचीत थी और दंगों के दौरान ये नंबर लगातार ऐक्टिव पाए गए थे। दिल्ली और अलीगढ़ में हिंसा के समय और पैटर्न लगभग एक से थे। दोनों जगहों पर हिंसा की शुरुआत पत्थरबाजी से हुई। भीड़ बढ़ने के बाद हिंसा करने वाले पहले से हथियारों से लैस थे। उन्होंने आगजनी करना और दुकानों को लूटना शुरू कर दिया। मास्टरमाइंडों ने वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए लोगों को पहले ही हिंसा का डर, आशंका और उसके लिए फुल तैयारी करने के लिए टिप्स दिए थे। यह उसी साजिश का हिस्सा था।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours