रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का प्रयोग करते हुए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी साझा की थी। इस सफलता पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए DRDO को बधाई। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित स्क्रैमजेट इंजन ने उड़ान को ध्वनि की गति से 6 गुना गति प्राप्त करने में मदद की! आज बहुत कम देशों के पास ऐसी क्षमता है।’
डीआरडीओ ने सोमवार को सुबह 11:03 बजे पर ओडिशा के बालासोर में अब्दुल कलाम द्वीप से इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि यह आवाज से छह गुना ज्यादा तेज गति से दूरी तय कर सकता है। परीक्षण के दौरान इसकी स्पीड दो किलोमीटर प्रति सेकेंड रही और यह 20 सेकेंड तक हवा में रहा। इसकी सहायता से लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल सिस्टम विकसित करने के साथ ही अंतरिक्ष में सैटलाइट्स भी कम लागत पर लांच किया जा सकता है। इससे दुनिया के किसी भी कोने में दुश्मन के ठिकानों को घंटे भर के भीतर में निशाना बनाया जा सकता है। इसके साथ ही भारत हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
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