Girl students protested when teachers came late : दमोह ( होशियार चक्रवर्ती CG/MP TODAY)। मध्यप्रदेश के जिला दमोह में नगर परिषद हिंडोरिया में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां पर बड़ी संख्या में शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने प्राचार्य के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। छात्राओं का यह उग्र आंदोलन इतना बड़ गया कि समस्त छात्राओं ने स्कूल में ताला डालते हुए शिक्षक और प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दरअसल, छात्राओं के इस आक्रोश की मुख्य वजह है शिक्षक और प्राचार्य के समय से न आना।
Girl students protested when teachers came late : छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोलते हुए बताया कि यहां पर सभी छात्राएं समय से आती है। लेकिन फिर भी स्कूल का गेट नहीं खुला होता। बाहर से आने वाले शिक्षक और खुद प्राचार्य अपनी मर्जी से आते है। आज तो ऐसा हुआ कि जब प्राचार्य फिर लेट आए तो स्कूल की छात्राओं को सब्र का बांध टूट चुका था जिसके बाद सभी कक्षाओं की छात्राओं ने बाहर निकलकर मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। छात्राओं का यह प्रदर्शन देख मीडिया और अखिल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। जिसके बाद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए तहसीलदार का ज्ञापन सौंपा।
Girl students protested when teachers came late : छात्राओं ने यह बड़ा कदम उठाते हुए लेट आने वाले शिक्षकों और खुद प्राचार्य को शाला परिसर में नहीं आने दिया। जिसमें स्कूल के प्राचार्य जे.पी.पटेल, मंजू लता सूर्यवंशी,ऐश्वर्या जैन,हेमलता सोनी,राहुल पटेल और अन्य टीचर भी गेट के बाहर खड़े दिखाई दिए। बच्चों का कहना है कि जब तक हमारी सलाह और स्कूल समय से संचालित नहीं होंगे। हम इनको परिसर में प्रवेश नहीं करने देंगे बड़ी मशक्कत के बाद समझाइश दी गई कि अब शाला है समय पर खुलेंगे और जो भी लेट आएगा। उस पर संवैधानिक कार्यवाही की जाएगी जब जाकर छात्राओं ने शिक्षकों को परिसर में आने दिया।
बता दूं कि फरवरी का माह शुरू हो गया है और कुछ ही दिन बाद परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा। ऐसे में शिक्षकों और प्राचार्य की लापरवाही छात्राओं के लिए बहुत महंगी पड़ सकती है। छात्राओं और विद्यार्थी परिषद का कहना है कि इस तरह की लापरवाही सभी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ साबित होगी। अगर शिक्षक अपने समय से स्कूल में आए तो कोई बात ही नहीं है। वह कहते है ने कि जैसा शिक्षक सिखाएंगे वैसा ही बच्चे सीखेंगे। प्राचार्य की बड़ी लापरवाही से स्कूल में छात्राओं को भविष्य अंधकार में डाल रही है।
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