रायपुर: लोक आस्था का महापर्व छठ हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। आज गुरुवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। राजधानी रायपुर के सड्ढू में छठ पूजा समिति (सड्ढू) द्वारा इस साल भी तालाब में छट घाट पर छठ पूजा की व्यवस्था की गई है।
सड्ढू तालाब में 7 नवंबर को शाम 4 बजे से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। वहीं 8 नवंबर को सुबह 4 बजे से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही छठ पूजा समिति (सड्ढू) द्वारा छठ घाट पर ही प्रसाद वितरण एवं भंडारा का कार्यक्रम 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद सुबह 6 बजे से किया जाएगा।
गुरुवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। छठ व्रतियों ने सूप, दउरा, बांस की डोकरी में प्रसाद रखकर तालाब में कमर तक पानी में रहकर भगवान सूर्य को सांध्य अर्घ्य दिया। इस दौरान लल्लूजी महराज और भोजपुरी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी गई, जो कि लोगों को काफी आनंदित किया।
बता दें कि 4 दिन चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी। बुधवार को खरना प्रसाद बना, अब शुक्रवार (8 नवंबर) की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा।
आज शाम के अर्ध्य के समय छठ पूजा समिति (सड्ढू)के अध्यक्ष डॉ संजय शेखर, उपाध्यक्ष डॉ राकेश पाण्डेय, सचिव संजय सिंह, सह सचिव रविंद्र प्रताप सिंह और रोहित शुक्ला, कोषाध्यक्ष राजेश वर्मा, सह कोषाध्यक्ष शमसेर सिंह, व्यवस्था प्रमुख कौशलेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी शरदेंदु भूषण के साथ समिति के तमाम सक्रिय सदस्य उपस्थित रहकर छठ व्रतियों को सुविधा प्रदान कराने में सहयोग किया।