खांसी और कफ से बचाता है मुनक्का, पेट के लिए बेहद लाभकारी, बॉडी में ब्लड भी बढ़ाए, आयुर्वेद में विशेष महत्व

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Health Benefits of Munakka: मुनक्का को पानी में भिगोकर खाना भी बेहद लाभकारी माना जाता है. यह खून की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए रामबाण साबित हो सकता है. बदलते मौसम में मुनक्का का सेवन करके आप सर्दी-खांसी की परेशानी से बचाव कर सकते हैं. मुनक्का के बड़े फायदे जान लेते हैं.

Munakka Health Benefits: सर्दी का मौसम शुरू होने को है और प्रदूषण में भी लगातार इजाफा हो रहा है, ऐसे में खांसी और कफ बेहद परेशान करने लगते हैं. डॉक्टर के पास जाओ तो वह कई दवाइयां लिख देंगे. साथ में कुछ एहतियात बरतने का संदेश भी थमा देंगे. लेकिन इस प्रदूषित मौसम में मुनक्के का सेवन किया जाए तो खांसी और कफ से तो निजात मिलेगी ही, साथ ही यह पेट के लिए भी बेहद लाभकारी है. आयुर्वेद ने मुनक्के को विशेष माना है. कई औषधियों में इसका उपयोग किया जाता है. मुनक्का सर्दी में भी बेहद लाभकारी है.

किशमिश से ज्यादा लाभकारी है मुनक्का

पहले हम यह जान लें कि मुनक्का क्या है और यह किशमिश से कितना अलग है. असल में यह दोनों ही सूखे हुए अंगूर हैं और सूखने के बाद इसके गुण और प्रभाव बढ़ जाते हैं. सूखे हुए छोटे अंगूर किशमिश कहलाते हैं और सूखे हुए बड़े अंगूर मुनक्का कहलाते हैं, जिसमें किशमिश से अधिक औषधीय गुण होते हैं और छोटे बीज भी पाए जाते हैं. मुनक्का में फाइबर अधिक होता है और किशमिश की अपेक्षा अम्लता (Acidity) कम पाई जाती है. प्राचीन काल में अंगूर व किशमिश का वर्णन है, लेकिन अलग से मुनक्के का वर्णन नहीं है. भारत में हजारो वर्ष पूर्व लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में अंगूर (मृद्वीका) के गुणों का विस्तार से वर्णन है. यह खांसी व श्वसन रोग में लाभकारी है, वात-पित्त को नष्ट करता है. ग्रंथ में अंगूर को फलों में श्रेष्ठ बताया गया हैं

1. वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य आरपी पराशर के अनुसार आयुर्वेद में मुनक्का को ‘जीवन रक्षक’ माना जाता है. इसे सूखे फल के रूप में वर्णित किया गया है और इसका उपयोग कई औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है. इसमें प्राकृतिक रूप से सूखी खांसी व श्वसन पथ में सुधार करने के गुण हैं. आजकल सर्दी में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है और प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है. अगर मुनक्के का सेवन किया जाए तो यह बहुत तेजी से लाभ प्रदान करता है.

2. मुनक्के को पेट के लिए भी अति लाभकारी माना जाता है. यानी यह पाचन सिस्टम को दुरुस्त रखता है. उसका कारण यह है कि इसमें आयरन और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज भी होते हैं, इसके अलावा इसमें भरपूर फाइबर भी पाया जाता है. इनका लाभ यह होता है कि कब्ज से मुक्ति मिलती है, साथ ही पेट की आंतों में रोगाणु भी पैदा नहीं होते हैं. मुनक्के की एक विशेषता यह भी है कि यह एसिडिटी को कंट्रोल भी करता है, जो पाचन सिस्टम को बिगाड़ने में मदद करता है.

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3. मुनक्के को चाहे तो डायरेक्ट खाएं या पानी में भिगोकर, यह शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. पानी में इसे इसलिए भिगोया जाता है, ताकि यह मुलायम हो जाए और अपने अंदर मौजूद विटामिन्स व मिनरल्स को पूरी तरह छोड़ दे. आयुर्वेद यह भी कहता है कि इसके सेवन से शरीर में ब्लड बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसलिए जो लोग एनीमिया से पीड़ित पाए जाते हैं, उन्हें सुबह खाली पेट मुनक्का खाने की सलाह दी जाती है. यह ब्लड में नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाता है, जो ब्लड में सर्कुलेशन को सुचारू बनाता है. इसका लाभ यह होता है कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. अगर मुनक्के को सामान्य तरीके से खाया जाए तो शुगर होने के बावजूद यह शुगर को भी बढ़ने नहीं देता है.

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4. मुनक्के की मिठास किशमिश से कुछ अधिक होती है. किशमिश में थोड़ी सी खटास पाई जाती है. इसके बावजूद इसकी मिठास शरीर के लिए कोई साइड इफेक्ट पैदा नहीं करती है. आयुर्वेद यह भी कहता है कि मुनक्के का सेवन मसल्स को फिट रखता है. तभी एक्सराइज करने वाले या खेल से जुड़े युवाओं को मुनक्का खाने की सलाह दी जाती है. पहलवानों की डाइट में तो मुनक्का जरूर शामिल किया जाता है. यह वजन को कंट्रोल करता है. उसका कारण यह है कि जब भीगे मुनक्के को खाया जाता है तो मिठास और फाइबर होने के चलते पेट को भर देगा, यानी मन से आपको पेट भरा-भरा महसूस होगा, इसलिए जल्दी भूख नहीं लगेगी।

 

 

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