रायपुर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी हो सकते हैं रामसुंदर दास : चुनावी मैदान में आमने-सामने हुए तो गुरु के खिलाफ लड़ेंगे पूर्व मंत्री, दिलचस्प होगा मुकाबला रायपुर 2 घंटे पहले
रायपुर के भाटागांव स्थित रावणभाटा मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान महंत रामसुंदर दास और बृजमोहन अग्रवाल एक साथ ।
रायपुर शहर की विधानसभा सीट दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं। कांग्रेस महंत रामसुंदर दास को यहां से प्रत्याशी बना सकती है। ऐसा हुआ तो गुरु के सामने पूर्व मंत्री चुनाव लड़ रहे होंगे। दोनों के बीच रिश्ता मधुर है, यह बात किसी से छुपी नहीं। मगर सियासी रण में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ना दक्षिण विधानसभा की सीट के सियासी हालातों को दिलचस्प बना रहा है।
रायपुर के भाटागांव स्थित रावणभाटा मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान महंत रामसुंदर दास और बृजमोहन अग्रवाल एक साथ दिखाई दिए। यहां दशहरा उत्सव के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम रखा गया था। इससे पहले भी कई कार्यक्रमों में दोनों एक साथ दिखते रहे हैं, मगर इस बार चर्चाएं जरा अलग हैं।
दशहरा मैदान में साथ खड़े दिख रहे महंत रामसुंदर और बृजमोहन अग्रवाल अगर सियासी रण में उतरे तो एक दूसरे के खिलाफ होंगे। महंत रामसुंदर इससे पहले भी कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। इस वक्त कांग्रेस सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। बृजमोहन अग्रवाल 35 सालों से दक्षिण के विधायक हैं। पिछली बार प्रदेश से भाजपा को हार सामना करना पड़ा था। लेकिन रायपुर में जीत हासिल करने वाले इकलौते नेता बृजमोहन रहे।
महाभारत से जुड़ी चर्चाएं कर रहे समर्थक
रायपुर के दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर जो हालात बन रहे हैं, उसे लेकर लोगों के बीच और सोशल मीडिया पर चर्चा है। महाभारत से जोड़कर बातें की जा रही हैं। महंत राम सुंदर को गुरु द्रोण बताया जा रहा है, बृजमोहन अग्रवाल को कृष्ण ।
दोनों एक दूसरे पर आरोप नहीं लगाएंगे
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर बृजमोहन अग्रवाल के सामने रामसुंदर को कांग्रेस ने उतारा तो बृजमोहन का सियासी तेवर वैसा नहीं रहेगा जैसा अन्य प्रत्याशियों को लेकर होता है। महंत भी बृजमोहन के कामों को पूर्व में सराहते रहे हैं। दोनों ही एक दूसरे पर सियासी आरोप लगाने से बचेंगे। बृजमोहन राजिम कुंभ लेकर, प्रदेश के मठ मंदिरों के लिए योजनाएं लाने का काम मंत्री रहते हुए कर चुके हैं। तब रामसुंदर दास से भी सलाह लिया करते थे।
आज भी बृजमोहन के पारिवारिक धार्मिक कार्यक्रमों में महंत रामसुंदर दास का आना-जाना है। यहां तक कि पिछले साल चुनाव के दौरान जब बृजमोहन दूधाधारी मठ में भगवान राम के दर्शन करने गए तो महंत से आर्शीवाद लिया था। वो अक्सर आदर भाव से महंत रामसुंदर के पैर छूते दिखते हैं।
महंत रामसुंदर का सियासी सफर
रायपुर के सबसे प्रचीन दुधाधारी मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास इस वक्त छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। साल 2001-2003 में सरकार के संस्कृत बोर्ड के पहले अध्यक्ष रहे। सदस्य रहे छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के। साल 2003 में पहली बार जैजैपुर से विधायक बने, दूसरी बार 2008 में भी विधायक बने ।
बृजमोहन के सफर पर एक नजर
बृजमोहन अग्रवाल साल 1990 में पहली बार विधायक बने। उस वक्त के दिग्गज विद्याचरण शुक्ल को हरा चुके हैं। तब से आज तक बृजमोहन विधायक का चुनाव जीतते रहे हैं। प्रदेश सरकार में गृह, शिक्षा, संस्कृति, कृषि जैसे विभागों के मंत्री रह चुके हैं।