नई दिल्ली: story of painful love कहते है प्यार अंंधा होता है। आपने सच्चा प्यार का कई कहानी किस्से सुने होंगे। लोग प्यार के चलते दुनिया से लड़ जाते है। लोग प्यार में इस कदर पागल हो जाते है। कई बार तो मोहब्बत में ऐसी चीजे देखने को मिलती है जो हैरान कर देती है। ऐसा ही मामला थाईलैंड से सामने आया है। दरअसल, यहां एक 72 साल के चरए जनवाचकल की लव स्टोरी कुछ दर्द भरी है। बताया जा रहा है कि चरण की पत्नी का 21 साल पहले मौत हो गई थी।
21 साल तक घर पर रखा पत्नी का शव
story of painful love लेकिन वो उनसे अलग नहीं रह पाए। अपने घर में पत्नी के शव को ताबूत में रखकर वो उसके साथ ही रहने लगा। जिसके बाद वो अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने लगा। उन्होंने एक संस्था की मदद से पत्नी के बचे हुए अवशेषों को ताबूत से बाहर निकालकर विधि-विधान से अंतिम विदाई दी है।
बीमारी के चलते हुई पत्नी की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक 72 साल के चरण जनवाचकल थाईलैंड के बैंग खेन जिले के निवासी है। 21 साल पहले उनकी पत्नी की एक बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वो अपनी पत्नी से बेइंतहा मोहब्बत करते थे, जिसके चलते उन्होंने शव को कब्रिस्तान में दफन करने की जगह अपने घर में ही दफन कर लिया। चरण कभी अपनी पत्नी के शव के साथ बातें करते तो कभी उसके पास जाकर सो जाते।
पत्नी की मौत के बाद छोड़कर चले गए बेटे
पत्नी की मौत के बाद चरण के दोनों बेटे उन्हें अकेला छोड़कर चले गए। लेकिन इस बात से चरण को कोई खास फर्क नहीं पड़ा। लेकिन अब 21 साल के बाद उन्होंने अपनी पत्नी के शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया है। पिछले महीने 29 अप्रैल को चरण ने अंतिम संस्कार का निर्णय लेकर एक संस्था से संपर्क किया। संस्था की मदद से उन्होंने पत्नी के शव के बचे हुए हिस्सों को ताबूत से बाहर निकालकर विधि-विधान से अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई के दौरान चरण की रोने-बिलखने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
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सेना में डॉक्टर भी रह चुके हैं
एक स्थानीय वकील नितिथॉर्न केवटो ने उनके इस फैसले के बाद उनका इंटरव्यू किया. वकील ने बताया कि चरण काफी पढ़े लिखे हैं। उनके पास कई बड़ी डिग्रियां हैं. साथ ही वो थाई सेना में डॉक्टर भी रह चुके हैं। लेकिन पत्नी की मौत के बाद से वो काफी साधारण जीवन जी रहे हैं। उनके घर में ना तो लाइट है ना ही कोई अच्छा बिस्तर। केवटो ने अंतिम संस्कार को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि चरण को डर था कि उनकी मौत के बाद पत्नी के शव को कोई उचित सम्मान नहीं देगा। इसलिए उन्होंने शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया।
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