जयपुर: Regularization of Contractual Employees राजस्थान के मनरेगा संविदा कर्मियों के लिए खुशखबरी है। राज्य के नरेगा में लगे संविदाकर्मियों को जल्द स्थायी किया जाएगा। इसके लिए राज्य की भजनलाल सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।इस संबंध में ग्रामीण विभाग एवं पंचायती राज विभाग ने सभी जिला कार्यक्रम समन्वयक, ईजीएस और कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं।
Regularization of Contractual Employees इन कर्मियों को मिलेगा लाभ
Regularization of Contractual Employees विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनवरी 2022 द्वारा जारी राजस्थान कांट्रेक्च्युअल टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के नियम-20 के तहत ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में सृजित 4966 नियमित पदों की प्रशासनिक स्वीकृति मार्च 2024 को जारी की गई है। इन आदेशों के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत नियुक्ति प्राप्त संविदाकर्मी जो 9 वर्ष या उससे अधिक की अवधि में कार्य पूर्ण कर चुके हैं, उन्हें स्थाई किया जाना उनकी स्क्रीनिंग की जानी है।
अप्रैल 2024 को आधार मानकर किया जाएगा स्थाई
Regularization of Contractual Employees इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी को इनकी पात्रता की जांच एवं दस्तावेज सत्यापन का कार्य करना है। 9 साल की अवधि की गणना 1अप्रैल 2024 को आधार मानकर की जाएगी।ध्यान रहे इसमें अन्य विभाग या योजना की सेवा अवधि को शामिल नहीं किया जाएगा।ये पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे।
क्या है महात्मा गांधी नरेगा योजना
- Regularization of Contractual Employees सरकार के जरिए 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी की शुरुआत की गई थी जिसे आगे चलकर अक्टूबर 2009 को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया। इस अधिनियम के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवार के व्यस्क सदस्यों (उनमे महिलाएं भी शामिल हैं) को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है।
- Regularization of Contractual Employees महात्मा गांधी नरेगा राजस्थान के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों को उनके घर से 5 किमी के अंदर ही रोजगार देने का प्रावधान है। मजदूरों को आवास, सिंचाई, सड़क, वृक्षारोपण, चकबंदी, बागवानी आदि जैसे काम रोजगार के तौर पर उपलब्ध कराये जाते हैं।