रायपुर। samvida karmachari honge niyamit? छत्तीसगढ़ के संविदाकर्मियों के लिए अच्छी खबर है। मध्य प्रदेश के बाद अब राज्य के संविदाकर्मियों को भी जल्द बड़ी सौगात मिल सकती है। खबर है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले आगामी 15 अगस्त को सीएम भूपेश बघेल संविदाकर्मियों की लंबे समय से अधूरी नियमितीकरण की मांग को पूरा कर सकते है या फिर इस संबंध में कोई बड़ा ऐलान कर सकते है। यह कयास सामान्य प्रशासन विभाग के उस आदेश के बाद लगाया गया है, जिसमें सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की जानकारी 7 दिनों के अंदर मांगी है।
samvida karmachari honge niyamit? इधर, हाल ही में कर्मचारियों के धरना स्थल में पहुंचे BJP नेताओं ने भी घोषणा की थी कि सत्ता में आते ही उनको नियमित किया जाएगा, ऐसे में संभावना है कि बीजेपी को बैकफूट पर लाने के लिए सीएम नियमितिकरण वाला मास्टर स्ट्रोक चलकर पूरी बाजी पलट सकते है। सामान्य प्रशासन विभाग के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले राज्य सरकार इन कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा दे सकती है।
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जानकारी के मुताबिक, विधानसभा चुनाव ,कर्मचारियों के आंदोलन और बढ़ती नाराजगी को दूर करने के लिए राज्य सरकार स्वतंत्रता दिवस पर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। खबर तो यह भी है कि इसको लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने दिशा तय कर ली है।इसके तहत सीएम 15 अगस्त को मंच से दैनिक वेतन भोगी, संविदाकर्मी और अनियमित दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित करने की घोषणा कर सकते हैं।इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी शासकीय विभागों को सर्कुलर भेजकर नए सिरे से संविदा कर्मी, दैनिक वेतन भोगियों और अनियमित दैनिक श्रमिकों की जानकारी मांगी है। यह जानकारी विभागों को 7 दिनों के अंदर सरकार को देनी है।
चुनाव से पहले मिल सकता है बड़ा तोहफा
माना जा रहा है कि यह जानकारी मंगाने का उद्देश्य यह है कि अब सरकार इन्हें सीधे नियमित करने वाली है। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। खास बात यह भी है कि साल 2004 से लेकर 2018 और 2019 से 2023 के बीच रखे गए कर्मचारियों का अलग-अलग ब्यौरा मांगा गया है।वर्तमान में 47 विभागों में अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या करीब 50385 है। वही संविदाकर्मियों के साथ अंशकालीन और मानदेय में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी विकल्प तलाशा जा रहा है, कि इन्हें किस तरह से लाभ दिया जाए उसके लिए लगातार मंथन चल रहा है।इस काम को प्राथमिकता के साथ तत्काल सभी विभागों में सात दिनों के भीतर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।