SBI hikes mclr on loans: SBI ने ऑटो, होम और पर्सनल लोन की ईएमआई में किया इजाफा, देखें पूरी डिटेल

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नई दिल्लीः-SBI hikes mclr on loans: आज 15 अगस्त के दिन एसबीआई ने अपने ग्राहकों को एक बड़ा झटका दिया है। भारत के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने आज यानी कि 15 अगस्त से अपना लोन महंगा कर दिया है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में वृद्धि की है। इससे लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई पर बोढ़ बढ़ेगा। लोन लेने वाले लोगों को अब ब्याज दरों के रूप में पहले से ज्यादा कर्ज चुकाना पड़ेगा। एक वर्षीय एमसीएलआर को रिटेल लोन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि बैंक के लॉन्ग टर्म लोन जैसे होम लोन इस दर से जुड़े होते हैं।

SBI MCLR दर

SBI hikes mclr on loans: ओवरनाइट से तीन महीने तक का एसबीआई एमसीएलआर 7.15 परसेंट से बढ़ाकर 7.35 परसेंट कर दिया गया है। इसी तरह छह महीने का एमसीएलआर 7.45 परसेंट से 7.65 परसेंट, एक साल का एमसीएलआर 7.5 से 7.7 परसेंट, दो साल का एमसीएलआर 7.7 परसेंट से 7.9 परसेंट और तीन साल का एमसीएलआर 7.8 परसेंट से 8 परसेंट कर दिया गया है। पिछले महीने भी एसबीआई ने एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। यह बढ़ोतरी अलग-अलग अवधि के लोन पर की गई थी।

एसबीआई के लेटेस्ट एमसीएलआर रेट

  1. ओवरनाइट- 7.35 परसेंट
  2. एक महीना- 7.35 परसेंट
  3. तीन महीना- 7.35 परसेंट
  4. छह महीना- 7.65 परसेंट
  5. एक साल- 7.7 परसेंट
  6. दो साल- 7.9 परसेंट
  7. तीन साल- 8 परसेंट

SBI hikes mclr on loans: पिछले महीने, एसबीआई ने विभिन्न अवधि के लिए फंड आधारित उधार दरों की सीमांत लागत में 10 आधार अंकों की वृद्धि की थी। बता दें कि एमसीएलआर अप्रैल 2016 में आया था, जिसमें बैंकों को उनकी फंडिंग की लागत की कैलकुलेशन करने और फिर अलग-अलग अवधियों में उनके प्रपोजल का मंथली रिव्यू करने के लिए एक फॉर्मूला दिया गया था। एमसीएलआर को बाद में बाहरी बेंचमार्क लिंक्ड दर से बदल दिया गया, ताकि उधार दर सीधे नीतिगत चालों के साथ तालमेल बिठा सके।

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