जमशेदपुर : देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) अपने नियमों में बड़ा बदलाव कर रही है जो जल्द ही प्रभावी होने वाली है। केंद्र सरकार और बैंक प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की पहल कर रही है। इसके लिए ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।
स्टेट बैंक (SBI) द्वारा किए जा रहे बदलाव के तहत अब कोई भी ग्राहक पांच लाख रुपये तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (Online Transaction) कर सकते हैं जबकि पहले यह राशि मात्र दो लाख रुपये थी। ऐसे में इमिडिएट पेमेंट (IMPS), नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NIFT) और रियल टाइम ग्रास सैटेलमेंट (RTGS) के तहत कोई भी ग्राहक पांच लाख रुपये तक फंड ट्रांसफर करने पर उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा। बैंक प्रबंधन का कहना है कि ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन के लिए प्रेरित करने के लिए यह पहल की गई है। बैंक के ग्राहक एसबीआई योनो (SBI YONO) के तहत इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपनी शाखा में जाकर एसबीआई योनो को एक्टिवेट कराना होगा।
एसबीआई के तहत पहले दो लाख रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर करने पर अतिरिक्त राशि देना पड़ता था लेकिन नई व्यवस्था पहली फरवरी 2022 से शुरू की जा रही है। जिसके तहत पांच लाख रुपये तक की राशि ट्रांसफर करने पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ेगा। इससे अधिक की राशि पर 20 रुपये और जीएसटी देना होगा।
जाने कसमें लगेगा एसबीआई आईएमपीएस का ऑफलाइन चार्ज
1000 रुपये तक : कोई शुल्क नहीं
1000 से 10,000 रुपये तक : दो रुपये व जीएसटी
10,000 से एक लाख रुपये : 4 रुपये व जीएसटी
एक लाख से दो लाख रुपये तक : 12 रुपये व जीएसटी
दो लाख से पांच लाख रुपये तक : 20 रुपये व जीएसटी