कोलंबो,श्रीलंकाः- पिछले कई महीनों से पड़ोसी देश श्रीलंका के आर्थिक संकट से जूझने की खबरें आ रही हैं. कुछ समय पहले ही इस देश से ऐसी खबरें आ रही थीं कि यहां 700 रुपये किलो मिर्च, 200 रुपये किलो आलू, और दूध की कीमत इतनी कि लोग चाय की चुस्कियों के लिए तरस रहे हैं. ये स्थिति वाकई में बहुत भयावह है लेकिन अब इस देश में आर्थिक संकट की वजह से जो हो रहा है उसकी भयावहता का स्तर बहुत ही ज्यादा ऊपर है.
छात्रों पर पड़ा आर्थिक तंगी का असर
श्रीलंका की आर्थिक तंगी की मार अब इस देश के भविष्य पर पड़ रही है. जी हां, बच्चों को किसी भी देश का भविष्य कहा जाता है. इनकी शिक्षा जितनी मजबूत होगी उतना ही देश का भविष्य मजबूत होगा लेकिन यहां तो तंगी की मार इन बच्चों पर भी पड़ने लगी है. दरअसल, आर्थिक तंगी की वजह से श्रीलंका अपने देश के बच्चों के लिए पेपर नहीं खरीद पा रहा और इसी वजह से यहां होने वाली परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं. अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. बता दें कि आर्थिक तंगी से परेशान कोलंबो के पास आयात के लिए डॉलर की कमी है. शिक्षा अधिकारियों ने कहा कि सोमवार से टर्म टेस्ट परीक्षा होनी थी, जिसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अपने सबसे खराब वित्तीय संकट से जूझ रहा है.
अगली क्लास में प्रमोट होंगे बच्चे?
‘इंडिपेंडेंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कक्षा 9, 10 और 11 की परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी गई हैं और अब यह विचार किया जा रहा है कि क्या बच्चों को शैक्षणिक वर्ष के अंत तक अगली कक्षा में प्रमोट किया जाना चाहिए. पश्चिमी प्रांत के शिक्षा विभाग ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल टेस्ट नहीं करा सकते, क्योंकि प्रिंटर्स आवश्यक कागज और स्याही आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने में असमर्थ हैं.
हाल ही में भारत ने दी एक अरब डॉलर की सहायता
भारी वित्तीय संकट से जूझते श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए भारत ने एक अरब डॉलर की आसान शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है. हाल ही में नई दिल्ली की यात्रा पर आए श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई संयुक्त मुलाकात में इस वित्तीय मदद से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. एक अरब डॉलर की जो मदद दी जाएगी उसका इस्तेमाल श्रीलंका की सरकार अनाज, दवाइयों और दूसरे आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए करेगी.