Sheopur News श्योपुर. एमपी के श्योपुर जिले में एक गजब ही मामला हो गया है। यहां एक परिवार ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया। जिसके बाद तेरहवीं का कार्यक्रम भी कर दिया। रिश्तेदार भी उस कार्यक्रम में पहुंचे और ब्राह्मण भोज भी करा दिया। इसके बाद अचानक बेटे का फोन एक रिश्तेदार के पास आया और वो बोला कि मैं जिंदा हूं। हैरानी की बात है कि फोन करने के कुछ दिन बाद वह घर भी आ गया।
ये था पूरा मामला
दरअसल श्योपुर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के गांव लहचौड़ा में सुरेंद्र शर्मा नामक युवक रहता है। जो कि जयपुर राजस्थान में कपड़े के कारखाने में काम करता है। ये युवक कुछ दिन के लिए घर आया था। इसके बाद वापस नौकरी पर चला गया। उसके जाने के कुछ दिन बाद उसका मोबाइल फोन खराब हो गया। ऐसे में उसने किसी अन्य फोन से भी इसकी जानकारी घरवालों को नहीं दी। ऐसे में एक दिन सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसकी शक्ल सूरत भी सुरेंद्र से मिलती थी। घरवालों को लगा कि ये हमारा ही बेटा है। इस कारण उन्होंने उसे शव को अपना बेटा होने का दावा किया। घरवालों द्वारा जो पहचान पत्र दिखाया गया। उससे पुलिस को भी लगा कि ये उनका बेटा है। इस कारण शव का पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। जिसका घरवालों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया। तेरहवीं भी कर दी।
सुरेंद्र ने किया चाचा को फोन
Sheopur News घरवालों द्वारा तेरहवीं का कार्यक्रम करने के बाद एक दिन सुरेंद्र ने अपने चाचा के पास फोन किया, तो वे हैरान रह गए। बोले तु तो मर गया है। इसके बाद सुरेंद्र ने वीडियो काल कर बताया कि मैं जिंदा हूं। कुछ दिन बाद वह जयपुर से घर आ गया। चूंकि घरवालों ने तो उसका कार्यक्रम ही कर दिया था। इस कारण गांव वाले उसे जिंदा देखकर हैरान थे। ऐसे में उसने पूरी कहानी सुनाई, तब जाकर लोगों को लगा कि ये तो जिंदा है।
Sheopur News तो फिर किसका कर दिया अंतिम संस्कार
अब चिंता वाली बात यह है कि सुरेंद्र जिंदा है। तो घरवालों ने किसका अंतिम संस्कार कर दिया। क्या उसके घरवाले उसे तलाशने नहीं आए। अब जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार सुरेंद्र घरवालों ने कर दिया है। तो जिसका वह बेटा था वो लोग भी उसका कार्यक्रम करेंगे। ऐसे कई सवाल उठने लगे हैं। अब ये मामला पुलिस के लिए भी बड़ी उलझन बन गया है।
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