नई दिल्लीः Shiba Inu Burn Rate मीम क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के तौर पर लोकप्रिय शीबा इनु (Shiba inu) के बर्न रेट में बीते दिनों काफी तेजी देखी गई थी. यह सब फ्यूचर में इस कॉइन की कीमतों में बढ़ोतरी के मकसद से किया जा रहा है. हालांकि बीते 48 घंटों में शीबा इनु का बर्न रेट 40 फीसदी तक गिर गया है. बर्न रेट में इतनी तेज गिरावट चिंताजनक लगती है, लेकिन निवेशकों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 72 घंटों में क्रिप्टो मार्केट में SHIB की कीमत बड़े पैमाने पर बढ़ी है और एक ऐसे प्राइस लेवल पर पहुंच गई है जो महीनों में नहीं देखा गया है. इस वजह से शीबा इनु के फ्लो में बढ़ोतरी हुई और नेटवर्क एक्टिविटी बढ़ी है. यही वजह है कि शीबा इनु के बर्न में तेजी से गिरावट आई. ShibBurn पोर्टल का डेटा भी यही गवाही दे रहा है. बर्न रेट में जो गिरावट देखने को मिली है, वह कुछ और नहीं बल्कि एलिवेटेड वैल्यू में सुधार है, जिसकी कुछ दिनों से मॉनिटरिंग की जा रही थी.
Read More: ऐसी सादगी और कहां : लोगों के जूठे बर्तन साफ करते नजर आए विधायक जी, वीडियो वायरल
Shiba Inu Burn Rate
Shiba Inu Burn Rate बीते कुछ महीनों से करोड़ों की संख्या में SHIB टोकन को बर्न किया जा रहा है. टोकन की बर्निंग के लिए SHIB प्रोजेक्ट ने Ryoshi Vision के साथ मिलकर Shiba Inu बर्न पोर्टल लॉन्च किया था, जिसके जरिए टोकन बर्न करने वाले होल्डर्स को रिवॉर्ड दिए जाने का वादा भी किया गया था. हाल ही में 1.13 बिलियन (130 करोड़) SHIB टोकन बर्न किए जाने की जानकारी सुर्खियां बनी थी.
Shiba Inu Burn Rate टोकन बर्निंग का मतलब यह है कि इन टोकन को मुख्य सर्कुलेटिंग सप्लाई से स्थाई रूप से बाहर कर दिया जाता है. बर्निंग का असर लंबे समय में टोकन की कीमत पर सकारात्मक असर के रूप में देखा जाता है. हालांकि 130 करोड़ टोकन SHIB की 550 लाख करोड़ की कुल सर्कुलेटिंग सप्लाई का मात्र 0.0002% है. इसके अलावा ‘एमेजॉन शिब बर्नर’ जैसे बड़े शीबा इनु डिस्ट्रॉयर ने हाल ही में 40 मिलियन से अधिक शीबा इनु टोकन को प्रचलन से हटा दिया था.
Read More: शिष्या के साथ ऐसी हालत में पकड़ाए मध्य प्रदेश के नामी कथा वाचक, पत्नी और उनके भाइयों ने पकड़ा
Shiba Inu Burn Rate बहरहाल ‘शीबा इनु’ बर्न का इस टोकन की कीमतों में दीर्घकालिक तौर पर क्या असर होगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन निवेशक और बाजार उम्मीदों से भरा हुआ है. सबको यही लगता है कि भविष्य में शीबा इनु की कीमतों का फायदा उन्हें मिलेगा.
Shiba Inu Burn Rate कई महीनों से क्रिप्टो (Crypto) मार्केट में जारी अनिश्चितता के बीच क्रिप्टोकरेंसीज मजबूत होने के लिए जूझ रही हैं. हालांकि बुधवार को संकेत थोड़े बेहतर दिखाई दिए. भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार 0.34 फीसदी की मामूली गिरावट के बावजूद बिटकॉइन (Bitcoin) ने अपना मूल्य 25,800 डॉलर (लगभग 25.80 लाख रुपये) पर बरकरार रखा. दुनिया की पहली और सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी ने इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर भी कीमतों को बेहतर बनाए रखा. Binance और CoinMarketCap के अनुसार, वर्तमान में BTC 24,011 डॉलर (लगभग 19 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा है.
Read More: ‘हड्डी तोड़ झप्पी’: ऑफिस में लड़के ने लड़की को यूं लगाया गले कि टूट गईं पसलियां! अब देना होगा एक लाख से ज्यादा का जुर्माना
Shiba Inu Burn Rate गैजेट्स 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, 0.22 फीसदी की बढ़ाेतरी के साथ ईथर (Ether) ने 2,064 डॉलर (लगभग 1.65 लाख रुपये) पर कारोबार शुरू किया. बाकी ऑल्टकॉइंस भी बिटकॉइन और ईथर की राह पर चलती दिखाई दीं और मुनाफा दर्ज कर रही थीं.
Shiba Inu Burn Rate USD कॉइन, कार्डानो, रिपल, सोलाना, पोलकाडॉट और एवलांच ने मुनाफा कमाया है. जबकि मीम कॉइंस के तौर पर पॉपुलर शीबा इनु और डॉजकॉइन भी फायदे में हैं. ट्रॉन, लाइटकॉइन, चेनलिंक और कॉसमॉस भी प्रॉफिट में हैं. हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसीज आज भी नुकसान दर्ज कर रही हैं इनमें टीथर, पॉलिगॉन, यूनिस्वैप और बेबी डॉजकॉइन शामिल हैं. ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप वर्तमान में 1.15 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 91,62,291 करोड़ रुपये) है, जिसमें पिछले दिन की तुलना में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
Read More: राजधानी से आई दिल दहला देने वाली खबर, बम धमाके में मस्जिद के इमाम सहित 20 की मौत
Shiba Inu Burn Rate गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार तेजी से बढ़ा है. भारत में पिछले वर्ष सात प्रतिशत से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर डिजिटल करेंसी थी. संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड से जुड़ी संस्था UNCTAD के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान विकासशील देशों सहित दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है. हालांकि, इस सेगमेंट में टैक्स की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं भी हैं.
Shiba Inu Burn Rate बीते दिनों UNCTAD ने पिछले वर्ष डिजिटल करेंसीज रखने वाले टॉप 20 देशों का डेटा जारी किया है. इसमें यूक्रेन पहले स्थान पर है. यूक्रेन की लगभग 12.7 प्रतिशत जनसंख्या के पास डिजिटल करेंसी थी. भारत इस लिस्ट में सातवें पायदान पर है. हालांकि, UNCTAD का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज एक अस्थिर फाइनेंशियल एसेट है और इससे सामाजिक जोखिमों के साथ ही वित्तीय नुकसान भी हो सकता है.
+ There are no comments
Add yours