बिलासपुर:-छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक स्कूल प्रिंसिपल के परिवार के कथित सामाजिक बहिष्कार को चुनौती देने वाली याचिका पर महाकुल समुदाय के नेताओं को नोटिस जारी किया है। प्रिंसिपल के परिवार का बहिष्कार इस वजह से किया गया है क्योंकि उनके बेटे ने दूसरी जाति की लड़की से शादी की है। याचिका में कहा गया है कि समुदाय के नेताओं ने जशपुर जिले के पत्थलगांव में अंतरजातीय विवाह में शामिल होने वाले उनके प्रत्येक रिश्तेदारों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल जज बेंच ने समुदाय के नेताओं को नोटिस जारी किया है। जशपुर जिले के पत्थलगांव के विनोभा नगर निवासी स्कूल प्रिंसिपल डीपी नवलगल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि महाकुल समुदाय के नेताओं ने उनके बेटे के अंतरजातीय विवाह के बाद समुदाय से उनके परिवार का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
याचिका में कहा गया है कि समुदाय के नेताओं ने शादी में शामिल होने वाले उनके प्रत्येक रिश्तेदार पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। याचिकाकर्ता के वकील अब्दुल वहाब खान ने कोर्ट में कहा कि आधुनिकता के इस युग में, इस तरह का बहिष्कार एक सामाजिक बुराई और कानून के अनुसार अपराध है। इस तरह की कार्रवाई व्यक्तिगत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
दिसंबर 2020 में नवलगhigh ल के बेटे की शादी के बाद समुदाय के नेताओं ने उनके परिवार के सामुदायिक कार्यक्रमों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। आरोप है कि उनके रिश्तेदारों से भी कहा गया कि वे उन्हें अपने किसी भी पारिवारिक समारोह में आमंत्रित ना करें। इससे दुखी होकर प्रिंसिपल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।