रूस ने कोरोना वैक्सीन (Sputnik V) को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि अक्टूबर से वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो जाएगा। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस ने इस वैक्सीन को तैयार करने में कुछ महत्वपूर्ण चरणों को दरकिनार किया है। ऐसे में इस वैक्सीन का असर क्या होगा, और यह कितना कारगर साबित होता है, ये सवाल पूरे विश्व में उठ रहे हैं।
रूस खुद को नंबर वन बताने में जुटा
रूस Sputnik V वैक्सीन के साथ विश्व में खुद को नंबर बताने में लगा हुआ है। राष्ट्रपति लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि रूस विश्व का पहला देश बन गया है, जिसने कोरोना वैक्सीन को तैयार किया है। पुतिन तो यहां तक कह रहे हैं कि सेफ्टी को लेकर कोई खिलवाड़ नहीं किया गया है। इसके लिए उन्होंने अपनी एक बेटी को इसका डोज दिया है।
दूसरे देशों की सरकार पर काफी दबाव
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रूस द्वारा वैक्सीन तैयार कर लिए जाने के कारण दूसरे देशों की सरकार पर दबाव काफी बढ़ गया है। हर देश जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करना चाह रहा है। जल्दबाजी में संभव है कि वैक्सीन तैयार करने के महत्वपूर्ण चरणों को स्किप कर दिया जाएगा, जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। अगर रूस की वैक्सीन किसी तरह का खतरा पैदा करती है तो लोगों का विश्वास टूट जाएगा जो विश्व के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।
वैक्सीन सफल रहने के भी अलग मायने होंगे
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर रूस की वैक्सीन आंशिक सफल भी रहती है तो दूसरे देश के नेता अपने वैज्ञानिकों और डॉक्टरों पर दबाव डालेंगे कि देखों उस देश की वैक्सीन कितना अच्छा काम कर रही है। ऐसे में क्वॉलिटी के साथ खिलवाड़ होगा और इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।
+ There are no comments
Add yours