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नई दिल्ली: cryptocurrency investors 1 अप्रैल 2022 से एक नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के लिए सर दर्द करने वाला टैक्स नियम लागू होने जा रहा है। नियम ये लागू होने जा रहा है कि इन डिजिटल टोकन में निवेश, लेनदेन या यहां तक कि नुकसान की बुकिंग करते समय भी अलग-अलग तरह की दिक्कतें आएंगी। आपको मुनाफे पर ऊंची टैक्स रेट के अलावा यदि नुकसान होता है तो आप उसे अन्य मुनाफे के साथ पाट भी नहीं सकेंगे। इसीलिए कई जानकार तो क्रिप्टोकरेंसी को बेच कर निकल जाने तक की सलाह दे रहे हैं।
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फाइनेंस बिल हो गया पास
cryptocurrency investors 1 अप्रैल से क्रिप्टो बेचने पर यदि आप घाटा उठाते हैं तो उसे दूसरे क्रिप्टो एसेट की बिक्री से हुए मुनाफे से सेटऑफ नहीं किया जा सकेगा। मुनाफे पर ऊंची टैक्स रेट (30 फीसदी) और घाटे को दूसरी एसेट पर हुए मुनाफे से पाट पाने की सुविधा नहीं होगी। बता दें कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) पर टैक्स पर केंद्रीय बजट 2022-23 के प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए शुक्रवार को लोकसभा ने वित्त विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। नये बदलाव 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे।
निवेशक क्या सोच रहे?
निवेशक अब सोच रहे हैं कि क्या नए नियमों के लागू होने से पहले डिजिटल टोकन बेचना बेहतर है? तो बता दें कि ये सलाह कई जानकार दे रहे हैं। 1 अप्रैल से एक फ्लैट 30 फीसदी कैपिटल गेन टैक्स क्रिप्टो संपत्ति से होने वाली किसी भी आय पर लागू होगा, भले ही निवेशक की आय का आकार कुछ भी हो। निवेश प्रबंधकों के अनुसार, हर बार निवेशक द्वारा डिजिटल टोकन खरीदने या बेचने पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगाया जाएगा।
बाजार से भागेंगे निवेशक
ये टैक्स बाजार में लिक्विडिटी को खत्म करने और निवेशकों को स्टॉक जैसे अन्य विकल्पों की ओर पलायन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त हैं। नए नियमों के अनुसार, निवेशक एक क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले नुकसान को दूसरे में लाभ के खिलाफ सेट करने में सक्षम नहीं होंगे।
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31 मार्च तक बेचें तो क्या होगा?
विधेयक की धारा 115बीबीएच का खंड (2)(बी), निवेशकों को अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान के खिलाफ वीडीए नुकसान निर्धारित करने से रोकता है। यदि निवेशकों को चालू वित्त वर्ष 2021-22 के समाप्त होने से पहले ऐसी संपत्तियां बेचनी हैं, तो लाभ को आय में जोड़ा जाएगा और मामूली लागू दरों पर टैक्स लगाया जाएगा।
अलग से लगेगा सरचार्ज
2022-23 के बजट में क्रिप्टो एसेट्स पर आयकर लगाने को स्पष्ट किया गया है। 1 अप्रैल से, एक 30 फीसदी टैक्स प्लस सरचार्ज और सेस इस तरह के लेनदेन पर उसी तरह लागू किया जाएगा जैसे कि यह घुड़दौड़ जीत या अन्य सट्टा लेनदेन पर लागू होता है। इसके अलावा, वीडीए के ट्रांसफर से इनकम की गणना करते समय किसी भी खर्च (खरीद की लागत के अलावा) या अलाउंसेज के लिए किसी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, केंद्रीय बजट 2022-23 ने प्रति वर्ष 10,000 रुपये से अधिक वर्चुअल करेंसी की पेमेंट पर 1% टीडीएस का सुझाव दिया। कुल मिला कर ये सारे नियम क्रिप्टो निवेशकों को हताश करने वाले हैं।
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