हीरालाल ने बताया कि पहले वह मछली का व्यापार करता था. रमजान नदी में पानी कम होने के कारण मछली निकलना कम हो गई. ऐसे में परिवार चलाना एक जिम्मेदारी थी, तो फिर फास्ट फूड का ठेला लगाना शुरू किया. आज शहर में सर्वाधिक चाट इनके ठेले से बिकती है.
किशनगंज के रमजान नदी में पानी कम होने के करण मछलियों का व्यापार धीरे-धीरे बंद होने लगा. ऐसे में हीरालाल ने किशनगंज में तेघरिया स्थित शिव मंदिर के सामने फास्ट फूड का ठेला लगाना शुरू किया. इसमें हीरालाल की पत्नी ने भी इनका भरपूर साथ दिया और आज पूरे शहर में भैया भाभी चाट वाले के नाम से मशहूर हैं.
लोकल 18 से बात करते हुए हीरालाल ने बताया कि पहले वह मछली का व्यापार करता थे. रमजान नदी में पानी कम होने के कारण मछली निकलना भी कम हो गया, ऐसे में परिवार चलाना एक जिम्मेदारी थी, तो फास्ट फूड का ठेला लगाना शुरू किया. वह आगे बताते हैं कि मेरी पत्नी का भी भरपूर साथ रहा है. दोनों मिलकर शाम के 4:00 बजे से लेकर रात के 10:00 बजे तक किशनगंज शहर के तेघरिया स्थित शिव मंदिर के सामने हर रोज ठेला लगाते है. हीरालाल के पास चाट, पानी पुरी, चाऊमीन, पास्ता जैसे दर्जनों फास्ट फूड के आइटम है. वही, मुनाफे की बात पूछने पर बताया कि दिन भर में 2000-2500 रुपए कमा लेते हैं. घर परिवार इसी ठेले से चल रहा है दो रोटी मिल रही है. शूकून से जीवन जी रहे हैं.
पति-पत्नी साथ मिलकर करते हैं काम हीरालाल कहते हैं कि मछली के व्यापार में दिनभर में जहां ₹500 हजार रुपए मुश्किल से कमाते थे. फास्ट फूड के ठेला में 8 घंटा मेहनत करते हैं, तो 2000-2500 आसानी से निकल जाती है. वहीं, इसमें पत्नी भी भरपूर साथ देती है. दोनों मिलकर काम करते हैं और घर चलाते हैं. कोई दुकान पर आए कुछ कस्टमर ने बताया कि पूरे शहर में हीरालाल से सस्ता चार्ट और पानी पुरी कहीं नहीं मिलती है. यहां पर ₹10 प्लेट में 6 पानी पुरी मिलती है. जो कि शहर के अन्य स्टॉल किए तुलना में यहां पर सस्ता है और सामान की क्वालिटी भी बेहतर है. हीरालाल और उसकी पत्नी दोनों मिलकर चार्ट फुलकी का ठेला लगाते हैं. लोगों उन्हें प्यार से भैया-भाभी बुलाते हैं. वहीं, शहर में भैया भाभी चाट वाले के नाम से मशहूर है. यहां पर मात्र 10 रूपया प्लेट चाट मिलता है जो कि किशनगंज तेघरिया स्थित शिव मंदिर के सामने है