महाराष्ट्र के अकोला में एक महिला खिलाड़ी को झांसा देकर उसका यौन शोषण करने के मामले में अदालत ने दोषी ठहराया है. इस मामले में पीड़िता गर्भवती हो गई थी. आरोपी कोच शुद्धोधन सहदेव अंभोरे के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले थे. जिसके बाद अदालत ने उसे दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
दरअसल, आरोपी कोच ने महिला खिलाड़ी को राज्य और राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने का झांसा देकर उसके साथ कई बार यौन शोषण किया था. मामला 30 जुलाई 2018 का है. पीड़ित किशोरी ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपी कोच उसके साथ शारीरिक संबंध ना बनाने के लिए उसे टीम से बाहर निकाल देने की भी धमकी देता था. जिसके चलते मजबूरन उसे कोच की बात माननी पड़ती थी.
इसी के चलते पीड़िता गर्भवती हो गई. जब किशोरी को प्रसूति के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया तो उसने वहां एक बच्ची को जन्म दिया. लेकिन अस्पताल कर्मियों को जब शक हुआ कि ये किशोरी अविवाहिता मां बनी है तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने जब किशोरी से पूछताछ की तो उसने सारी बात उन्हें बता दी.
पुलिस ने करवाया आरोपी का डीएनए टेस्ट
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी कोच को हिरासत में ले लिया. और जब उससे पूछताछ शुरू की गई तो आरोपी कोच अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उसने कहा कि ये बच्ची भी उसकी नहीं है. इसके बाद पुलिस ने आरोपी का डीएनए टेस्ट करवाया जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई कि बच्चे का पिता आरोपी कोच ही है.
एक अन्य खिलाड़ी से भी छेड़छाड़ के आरोप में सजा
इसी मामले पर अब जाकर कोर्ट ने आरोपी कोच को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3.10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा एक अन्य महिला कबड्डी खिलाड़ी के साथ छेड़छाड़ मामले में भी आरोपी कोच शुद्धोधन अंभोरे को धारा 354 के तहत 5 साल और धारा 506 के तहत 2 साल कारावास की सजा सुनाई गई है
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