अब राशन की दुकान पर ही बुक करा सकते हैं ट्रेन की टिकट, जानिए कैसे…

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश के कोने-कोने तक डिजिटल सेवाओं (Digital Services) को पहुंचाने को लेकर लगातार नई योजनाओं पर काम करती नजर आ रही है। ऐसे में एक बार फिर सरकार की ओर से नई पहल की गई है, जिसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) द्वारा फेयर प्राइस शॉप (Fair Price Shop) या राशन की दुकानों (Ration Shops) की मदद से लोगों तक डिजिटल और वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है। जिससे अगले 1 साल तक पूरे भारत में 10 हजार से ज्यादा सामान्य सेवा केंद्रों (common service centers) को फेयर प्राइस शॉप (FPS) से जोड़ने का प्लान है।

आपको बता दें कि वर्तमान में राशन की दुकान के साथ मिलकर लगभग 8 हजार CSC कार्य कर रहे हैं। वहीं, अब इलेक्ट्रॉनिक एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (Food and Public Distribution Department) के बीच हुए समझौते ज्ञापन में बदलाव होगा। जिससे राशन की दुकान चलाने वालों को फायदा हो सकता है, उन्हें कमाई करने का शानदार मौका मिल सकता है। इसके अलावा आम लोगों को भी इससे लाभ हो सकेगा। अपने पास-पड़ोस में आम जानतों को डिजिटल और वित्तीय सेवाएं मिल सकेंगी। फिलहाल, ये सुविधा हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), तमिलनाडु (Tamil Nadu), राजस्थान (Rajasthan) और झारखंड (Jharkhand) में स्थित राशन की दुकानों में है। यहां के लोग डिजिटल और वित्तीय सेवाओं को लाभ उठा सकते हैं।

CSC के जरिए मिलती हैं ये सेवाएं
देश में 3 लाख से अधिक सीएससी वर्तमान में कार्यरत हैं, जोकि लोगों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इनमें रेल टिकट की बुकिंग, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी, पैन और आधार कार्ड का पंजीकरण, बैंक खाते के बैलेंस, गानों की डाउनलोडिंग आदि सेवाएं शामिल है।

वर्तमान में कुल 5.34 लाख राशन की दुकानें मौजूद
सरकार की योजना है कि सीएससी की कवरेज को अब बढ़ाया जाएगा। जिसके तहत इससे बढ़ाकर 6 लाख गांवों तक पहुंचाने का प्लान है। वहीं, अगर बात करें देश में मौजूद राशन की दुकानों की तो वर्तमान में कुल 5.34 लाख राशन की दुकानें उपलब्ध हैं। जिनके जरिए सालाना 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को करीब 70 मिलियन टन अनाज दिया जाता है।

अलग कलर कोड देने की योजना

वित्तीय सेवाएं देने वाले FPS को अलग रंग का कोड दिया जाएगा। जिससे इनकी सार्वजनिक सेवाएं डिलिवरी पॉइंट के तौर पर एक अलग पहचान हो सकेगी। इसके अलावा FPS डीलर को पीएम मुद्रा योजना के तहत लोन भी मिल सकेगा। खाद्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा डीलर्स को 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जा सकता है। जिससे एफपीएस डीलर जरूरी खाद्य और गैर खाद्य चीजों को बेचने के लिए भवन का निर्माण कर सकते हैं। बता दें कि FPS पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (EPOS) मशीनें जोड़ी गई है, अब तक इसे 95 प्रतिशत तक जोड़ा जा चुका है।

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